मसूरी -रिपोर्टर ,,,,सतीश कुमार: सेंटर ऑफ इंडियन ट्रेड यूनियन्स (सीटू) से संबद्ध आशा स्वास्थ्य कार्यकत्री यूनियन के सम्मेलन में विभिन्न समस्याओं को लेकर चर्चा की गई। साथ ही सरकार के खिलाफ आंदोलन का आह्वान किया गया। ये सम्मेलन यूनियन की मसूरी शाखा का था। ऐसे में शनिवार को शाखा के चुनाव भी कराए गए। इनमें बीना रावत अध्यक्ष और सुनीता सेमवाल महामंत्री चुनी गईं।
सम्मेलन मसूरी में कैमल बेक रोड स्थित सीटू कार्यालय में सम्पन्न हुआ। सम्मेलन में सीटू के जिला महामंत्री एवं प्रंतीय सचिव लेखराज, मसूरी सीटू के अध्यक्ष सोबन सिंह पंवार, यूनियन की प्रांतीय अध्यक्ष शिवा दुबे, उपाध्यक्ष कलावती चंदोला, मसूरी आंगनवाड़ी यूनियन की महामन्त्री ममता नेगी, होटल एवं रेस्टोरेंट वर्क्स यूनियन के विक्रम बलूड़ी ने विचार व्यक्त किये।
ये चुनी गईं पदाधिकारी
इस अवसर पर हुए चुनाव में बीना रावत अध्यक्ष, सुनीता सेमवाल महामन्त्री चुनी गई। उपाध्यक्ष संगीता भंडारी, गुड्डी, सचिव सुधा भंडारी, रीना देवी, कोषाध्यक्ष रामप्यारी, कार्यकारणी सदस्यों में संगीता लेखवार, सीमा, सीमा सिंह, सुनीता तेलवाल, राजेश्वरी डोभाल चुनी गईं।
दिल्ली रैली में भागीदारी का आह्वान
इस अवसर पर ट्रेड यूनियनों की दिल्ली रैली में भागीदारी का आह्वान किया गया। सीटू के महामंत्री लेखराज ने कहा कि मोदी की मजदूर विरोधी नीतियों के खिलाफ पांच अप्रैल को दिल्ली की सड़कों पर जनसैलाब उमड़ेगा। उन्होंने कहा कि मोदी सरकार की ओर से मजदूरों के श्रम कानूनों को समाप्त कर चार श्रम संहिता बनाई गई हैं। जो कि पूर्ण रूप से पूंजीपतियों व मालिकों के पक्ष में हैं। अफसोस कुछ मौका परस्त मजदूर नेताओं की भमिका भी सन्दिग्ध है जो अपनी यूनियन के मजदूरों को मालिकों के हाथों बेच रहें हैं मालिकों से सांठगांठ कर लगातार मजदूरों का शोषण किया जा रहा है जिसका की सीटू जल्द ही पर्दा फास करेगी ।
मजदुर वर्ग पर सरकार का हमला
उन्होंने कहा कि आज मजदूर वर्ग पर सरकार की ओर से हमला किया जा रहा है। इसका मजदूर वर्ग मुंह तोड़ जवाब देगा।उन्होंने कहा कि उत्तराखंड की धामी सरकार की ओर से श्रम संहिताएं लागू कर दी गई हैं। इसके तहत 12 घंटे काम व कार्यस्थल पर मजदूर की मौत के बाद किसी भी सूरत में मालिक की गिरफ्तारी पर रोक लगाई गई है। जो कि पूर्ण रूप से मालिकों के पक्ष में है।
किसान विरोधी भी है सरकार
उन्होंने कहा कि यह सरकार मजदूर विरोधी ही नहीं, किसान विरोधी भी है। किसानों के आंदोलन के पश्चात तय किया गया था कि एमएसपी पर कानून बनाया जाएगा। इसके बावजूद एमएसपी पर कानून बनाने की तो बात दूर की कौड़ी साबित हुई। इससे किसानों की फसल का लागत मूल्य भी नही मिल पा रहा है। किसान भी दिल्ली की सड़कों पर पांच अप्रैल को मजदूरों के साथ हुंकार भरेंगे।
धामी सरकार के खिलाफ फूंकेंगे आंदोलन का बिगुल
इस अवसर पर उत्तराखंड आशा स्वास्थ्य कार्यकत्री यूनियन की प्रांतीय अध्यक्ष शिवा दुबे ने कहा कि आशा यूनियन भी दिल्ली रैली में बढ़-चढ़कर के हिस्सा लेगी। उत्तराखंड से सैकड़ों की तादाद में आशाएं दिल्ली रवाना होंगी। उन्होंने आशाओं की स्थानीय समस्याओं को महानिदेशक स्वास्थ्य के समक्ष रखने का आश्वासन मसूरी की आशाओं को दिया। साथ ही उन्होंने धामी सरकार के खिलाफ आंदोलन का बिगुल फूंकने का ऐलान किया।
आजादी से समय से रहा मसूरी में यूनियनों का इतिहास
इस अवसर पर सीटू के मसूरी अध्यक्ष सोहन सिंह पवार सोहन सिंह पंवार ने कहा कि मसूरी आजादी के समय से मजदूर यूनियनों का स्थल रहा है। यहां के मजदूर होटल वर्कर, आशा, आंगनवाड़ी, भोजन माताएं सभी में अपने अधिकारों के प्रति जोश है। सभी पांच अप्रैल की दिल्ली रैली में बढ़-चढ़कर के हिस्सा लेंगे। उन्होंने कहा कि मालिकों की ओर से मजदूरों का शोषण बदस्तूर जारी है। केंद्र में मोदी सरकार आने के बाद मजदूरों का शोषण और अधिक बढ़ गया है। मजदूरों को गुलामी की गुलामी ओर धकेल जा रहा है। मजदूर इसका विरोध करेगा।
ये भी रहे उपस्थित
इस अवसर रीना सिंह, शैल यहुना, आरती, पुष्पा, वैजयंती, यशोदा रावत, प्रतिमा, लवली देवी, शिक्षा डोभाल, सुलोचना गोदियाल, उषा भट्ट, सुनीता, वंदना रावत, कुसुम तोमर, रेनू बाला, शमीम बानो, निखित आदि बड़ी संख्या में आशाएं उपस्तिथ थीं।