Nano Banana Pro: आजकल आर्टिफिशियल इंटेलिजेंस (AI) का जमाना है और लोग इसे अपने काम आसान बनाने के लिए इस्तेमाल कर रहे हैं। गूगल का नया AI मॉडल Nano Banana Pro इन दिनों चर्चा में है। यह मॉडल 4K क्वालिटी की इमेज मिनटों में तैयार करता है और पोर्ट्रेट, प्रोफाइल पिक्चर और टेक्स्ट को ग्राफिक्स में बदलने के लिए इस्तेमाल किया जा रहा है।
लेकिन हाल ही में मीडिया रिपोर्ट्स में सामने आया है कि यह मॉडल नकली आधार और पैन कार्ड जैसी रियलिस्टिक IDs भी बना सकता है। यूजर्स के मुताबिक, मॉडल फोटो, नाम और बाकी डिटेल्स डालते ही एक ऐसा डॉक्यूमेंट तैयार कर देता है जो असली जैसा दिखता है।
Nano Banana Pro से इमेज बनाने पर वाटरमार्क जरूर लगाता, लेकिन विशेषज्ञों का कहना है कि इसे हटाना आसान है, जिससे इसका दुरुपयोग हो सकता है। जबकि गूगल ने हिंसा और संवेदनशील कंटेंट जैसी इमेज बनाने पर रोक लगाई है, और नकली सरकारी IDs पर कोई रोक नहीं है।
विशेषज्ञों का कहना है कि इस मॉडल से रियलिस्टिक इमेज आसानी से बनाई जा सकती है जो कि काफी खतरनाक है। अगर ऐसे AI मॉडल्स पर कड़ी निगरानी नहीं हुई, तो ऑनलाइन फ्रॉड और पहचान चोरी के मामले तेजी से बढ़ सकते हैं।
इससे पहले भी ChatGPT जैसे AI मॉडल्स ने नकली ID प्रूफ तैयार किए थे, लेकिन Nano Banana Pro की इमेजें ज्यादा वास्तविक लगती हैं, इसलिए खतरा अधिक गंभीर माना जा रहा है। रिपोर्ट के मुताबिक, इस मामले में कुल 27 व्यक्ति और प्लेटफॉर्म शामिल हैं, जिन्होंने इस तकनीक का गलत इस्तेमाल किया।
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