करोड़ों के घाटे में पहले से ही चल रहे रोडवेज बसों के अधिकारियों की आर्थिक तंगी के सामने एक और बड़ी लापरवाही सामने आयी है, बीते दिन एक बार फिर से इनकी लापरवाही को देखा गया है। दो हफ्ते में रोडवेज के फॉस्टैग का खाता फिर से दूसरी बार खाली हो पड़ा, जिसके चलते सुबह से शाम होने तक रोडवेज बसों ने सभी जगहों पर दोगुना टोल दिया व निगम को लाखों की दूसरी बार चपत लगी। निगम प्रबंधन द्वारा हर बार अपनी लापरवाही से पल्ला झाड़ा जा रहा है,
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प्रबंधन फिर से इसे तकनीकी परेशानी बताकर बात को रफा- दफा कर रहा है, वहीं बार -बार हो रही प्रबंधन की लापरवाही को देख कर्मचारियों में आक्रोश के भाव उत्पन्न हो गए है। कर्मचारियों का कहना है कि निगम प्रबंधन के पास उन्हें वेतन देने और दीपावली का प्रोत्साहन भत्ता देने के लिए बजट उपलब्ध नही है और दोगुना टोल देकर लाखों की चपत लगायी जा रही है, इन सब का जिम्मेदार कौन है। पिछले छह महीनों में यह चौथी बार हो चुका है, जब फॉस्टैग का खाता खाली होने के कारण बसों को दुगुना टोल देना पड़ा। इससे पहले 9 अप्रैल फिर 27 अक्टूबर और 30 नवंबर को भी फॉस्टैग की समस्या सामने आयी थी, उस समय भी प्रबंधन द्वारा ऐसे ही तकनीकी समस्या बताते हुए बात को घूमा दिया गया था, और अब फिर से वही परेशानी आकर खड़ी हो गयी है।
सिमरन बिंजोला