प्रदेश में विधानसभा चुनाव में मिली हार ने कांग्रेस के लिए होली का रंग फीका कर दिया है। दिग्गजों में आरोप-प्रत्यारोपों को लेकर पार्टी में घमासान भले ही जारी हो, लेकिन हाईकमान भविष्य के लिए नए सिरे से मजबूत संगठन खड़ा करने की तैयारी में है।
वरिष्ठ कांग्रेस नेता अविनाश पांडेय को उत्तराखंड में दोबारा महत्वपूर्ण भूमिका देकर पार्टी ने अपनी प्राथमिकता जता दी है। पांडेय होली के बाद हार के कारणों पर विधायकों, पार्टी प्रत्याशियों और बड़े नेताओं के साथ मंथन करने के साथ ही संगठन के पुनर्गठन, नए प्रदेश अध्यक्ष और नेता प्रतिपक्ष तय करने का फार्मूला भी तलाश करेंगे। कांग्रेस की यह समीक्षा बैठक 21 मार्च को तय की गई है। इसमें अविनाश पांडेय के साथ प्रदेश प्रभारी देवेंद्र यादव भी उपस्थित रहेंगे।
कांग्रेस की हार की गाज प्रदेश अध्यक्षों पर गिरी है। प्रदेश कांग्रेस अध्यक्ष गणेश गोदियाल बीते मंगलवार अपना इस्तीफा पार्टी हाईकमान को सौंप चुके हैं। दो दिन के बाद पार्टी हाईकमान ने प्रदेश अध्यक्ष के रिक्त पद को किसी को सौंपने की जल्दबाजी दिखाने के बजाय, संगठन के पुनर्गठन को अपनी प्राथमिकता में शामिल कर लिया है।
पांडेय की नई जिम्मेदारी के राजनीतिक निहितार्थ हैं। हार के बाद प्रदेश में टिकटों के वितरण पर सवाल उठाए जा रहे हैं। अविनाश पांडेय की अध्यक्षता में गठित तीन सदस्यीय स्क्रीनिंग कमेटी ने टिकट तय करने से पहले राज्य का पांच दिनी दौरा किया था। प्रदेश के दिग्गज नेताओं के साथ सलाह-मशविरा की लंबी मशक्कत के बाद टिकट तय किए गए थे।
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पार्टी के टिकट तय कराने में निर्णायक भूमिका निभाने वाले दिग्गजों के साथ ही टिकट पाने में सफल रहे प्रत्याशियों को हार के कारणों का वाजिब जवाब तो देना ही होगा, साथ में सांगठनिक स्तर पर व्याप्त खामियों को दूर करने के ठोस उपाय भी सुझाने होंगे। 21 मार्च को बैठक में हार के कारणों पर मंथन के साथ ही नए प्रदेश अध्यक्ष और नेता विधायक दल के चयन पर भी विमर्श होगा।