भू-धंसाव के चलते जोशीमठ में हालात लगातार खराब हो रहे हैं। बता दें की जीएमवीएन का जो गेस्ट हाउस यहां आने वाले वैज्ञानिकों को ठिकाना बना था, उसमें भी दरारें आने से हडकंप मच गया। आज लोक निर्माण विभाग के गेस्ट हाउस को जेसीबी की मदद से तोड़ने का काम शुरू कर दिया गया है। तो वही जोशीमठ में प्रभावितों के लिए राहत शिविर बनाए गए संस्कृत महाविद्यालय भवनों में भी बारीक दरारें दिख रही हैं। होटलों को तोड़ने की शुरुआत करने के बाद अब आवासीय भवनों को ढहाये जाने की तैयारी शुरू हो गई है। और अब तक 258 परिवारों को सुरक्षा की दृष्टि से शिफ्ट किया जा चुका है।
अब तक शहर के 849 भवनों में दरारें आ चुकी हैं। वहीं, होटल माउंट व्यू और मलारी इन के बाद अब दो अन्य कॉमेट और स्नो क्रेस्ट होटलों में भी दरारें आई हैं। तो वहीं, तहसील भवनों के ऊपरी और निचले हिस्से में भी भू-धंसाव हो रहा है।
तो सुरक्षा की दृष्टि से जिला प्रशासन द्वारा अब तक 258 परिवारों के 865 व्यक्तियों को विभिन्न सुरक्षित स्थानों पर अस्थायी रूप से विस्थापित किया गया है। राहत कार्यों के तहत जिला प्रशासन द्वारा अब तक 500 प्रभावितों को 327.77 लाख रुपये की धनराशि प्रभावित परिवारों में वितरित की जा चुकी है।