केदारनाथ यात्रा व्यवस्था हेतु घोड़े खच्चरों के पंजीकरण लाइसेंस ब्लड सेंपलिंग का कार्य कहा केदारनाथ ट्रेट यूनियन के संरक्षक अवतार सिह नेगी, पूरी पढ़ें खबर…
रिपोर्टर : हरीश चंद्र ऊखीमठ, खबर है रुद्रप्रयाग जिले व ऊखीमठ ब्लॉग से आपको बता दें कि विगत कई दिनों से केदारनाथ यात्रा व्यवस्था हेतु घोड़े खच्चरों के पंजीकरण लाइसेंस ब्लड सेंपलिंग का कार्य जारी रोस्टर के अनुसार चल रहा है लेकिन वर्तमान विभागीय रोस्टर के अनुसार जिन स्थानों पर पंजीकरण कैंप लगाए गए हैं उन स्थानों की पूरे घोडे पंजीकरण के अंतर्गत पंजीकृत नहीं हो पा रहे हैं
क्योंकि एक दिन में एक कैंप कर्मचारियों की कैपेसिटी केवल 50 से 60 घोड़े खच्चर पंजीकरण करने की है जबकि उन पंजीकृत सेंटरों पर कम से कम 500 600 घोड़े विद्यमान है ऐसी स्थिति में एक जगह पर कम से कम 3 दिन का कैंप स्थान के अनुसार लगाए जाने की आवश्यकता है
जिससे सभी घोड़े खच्चर मालिकों अथवा संचालकों का पंजीकरण संभव हो पाएगा इस संबंध में पूर्व में भी अनुभव रहा है की कई स्थानों जैसे सल्या, तुलंगा, रामपुर, सीतापुर,सोनप्रयाग,गौरीकुंड, या कालीमठ कोटमा क्षेत्र में जाल चौमासी घंघासू बांगर त्रियुगीनारायण, त्यूणी,बमसू, आदि स्थानों पर घोड़े की संख्या लगभग 350 से ऊपर होने के आधार पर कम से कम दो या तीन दिन का कैंप लगना चाहिए था
जिसे घोड़े खचरों के संपूर्ण जनपद की घोड़े खच्चर रजिस्टर्ड हो जाते लेकिन वर्तमान में बड़ी असमंजस की स्थिति पैदा हो गई है वहीं ट्रेड यूनियन के संरक्षक अबतार सिह नेगी ने प्रशासन से अनुरोध किया कि संबंधित स्थान को चयनित करके पुनः शिविर लगवाने की कृपा करें इस प्रकार की जानकारी देते हुए ट्रेड यूनियन के संरक्षक अवतार सिंह नेगी ने बताया कि जब तक संपूर्ण जनपद की घोडे रजिस्टर्ड नहीं हो जाते हैं।
तो इस प्रकार के कैंपों को लगाने का कोई औचित्य नहीं रह जाता है क्योंकि घोड़े की संख्या सीमित 5000 की संख्या निर्धारित की गई है जिसमें जनपद रुद्रप्रयाग के घोड़े खच्चर नितांत आवश्यक रूप से रजिस्टर किए जाने हैं।
वहीं नेगी ने कहा कि यदि जनपद रुद्रप्रयाग के घोड़े खचरों के साथ किसी प्रकार का भेदभाव हुआ और उनकी उपेक्षा करते हुए बाहरी जनपदों के घोड़े की घुसपैठ करके उनके लाइसेंस बनाए गए तो आगामी यात्रा काल पर स्थानीय जनता द्वारा घोर विरोध किया जाएगा और यात्रा के समय इस प्रकार की अव्यवस्था नहीं होनी चाहिए