टनकपुर-रिपोट, गौरव गुप्ता : मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी की विधानसभा क्षेत्र के अंतर्गत टनकपुर से प्रदेश को शर्मसार करने वाली घटना समाने आई है। यहां शिक्षा का मंदिर कहीं जाने वाली युनिवर्सिटी एक दंगल का आंकड़ा बन गई पुरा मामला टनकपुर कोतवाली क्षेत्र के अंतर्गत के आने वाली डॉ एपीजे अब्दुल कलाम प्रौद्योगिकी संस्थान का है,
जहां बीते 5 वर्षों से निदेशक के पद पर तैनात अमित अग्रवाल के साथ बीती 20 मई को संस्थान में दैनिक वेतन पर तैनात शिक्षकों ने निदेशक अमित अग्रवाल के साथ अभद्र व्यवहार कर धक्का मुक्की एवं उनके साथ मारपीट कर दी पूरी घटना संस्थान में लगे सीसीटीवी कैमरों में कैद होगी।
घटना के दौरान संस्थान में भगदड़ मच गई। इधर मामले की लिखित तहरीर पुलिस को दे दी गई लेकिन अभी तक कोई कार्रवाई नहीं हुई है जिसे गुस्साए संस्थान के शिक्षकों ने मुख्य गेट बैठकर 10 मिनट का मौन व्रत रख धरना दिया। जिसमें उन्होंने दोषी शिक्षकों के खिलाफ ठोस कार्रवाई की मांग।
बताते चलें कि मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी जहां शिक्षण संस्थान को आगे बढ़ाने का प्रयास कर रहे हैं।वही उनकी ही विधानसभा क्षेत्र के टनकपुर में डॉ एपीजे अब्दुल कलाम प्रौद्योगिकी संस्थान के निदेशक अमित अग्रवाल के साथ दैनिक वेतन पर तैनात तीन शिक्षकों ने निदेशक के साथ बदसलूकी कर धक्का मुक्की वह मारपीट कर दी। घटना संस्थान में लगे सीसीटीवी कैमरों में साफ दिखाई दे रही है। वहीं कार्मचारी जिस तरह से निदेशक को भागते हुए उनके साथ बदसलूकी कर रहे हैं, वहा पुरी तरह दिखाई दे रहा है।
इधर संस्थान के निदेशक अमित अग्रवाल ने घटना की सीसीटीवी फुटेज और लिखित तहरीर कोतवाली में बीती 22 मई को दी लेकिन पुलिस द्वारा शिक्षकों पर अभी कोई कार्रवाई नहीं की गई है।
इधर संस्थान के शिक्षकों ने स्थानीय प्रशासन पर निदेशक अमित अग्रवाल पर जबरन समझौते तथा राजनीतिक दबाव बनने का आरोप लगाते हुए मुख्य गेट 10 मिनट का मौन व्रत धारण कर धरना दिया। उन्होंने सभी दोषी शिक्षकों के खिलाफ कार्रवाई की मांग कि है।
इधर मामले में कार्रवाई ना होते देख संस्थान के डायरेक्टर अमित अग्रवाल ने मुख्यमंत्री ,कुलपति और एसएसपी को प्रार्थना पत्र देकर अपनी सुरक्षा की गुहार लगाई है। उन्होंने बताया कि उनके साथ जो घटना हुई है, वह तमाम शिक्षकों और छात्रों के बीच हुई है, जोकि एक शर्मसार करने वाली घटना है। उन्होंने कहा घटना से अभी तक वह बहुत डरे हुए हैं। उन्होंने आरोपियों के खिलाफ कानूनी कार्रवाई और अपनी सुरक्षा की मांग की है।