उत्तराखंड में आगामी विधानसभा चुनाव 2022 में जल्द होने वाले है, जिसे देख तमाम पार्टियां चुनाव में अपनी सत्ता बनाने के लिए पूरी तैयारियों में जुट गए है। ऐसे में अब राज्य निर्वाचन आयोग भी चुनाव को सुरक्षित व पारदर्शी तरीके से संपन्न कराने के लिए तैयारियों में लग चुका है। राज्य निर्वाचन आयोग का उद्देश्य है कि 2022 में उत्तराखंड में होने वाले विधानसभा चुनाव को बिना किसी परेशानी से संपन्न करा दिया जाए, साथ ही समय रहते हुए चुनाव को संपन्न कर दिया जाए।
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राज्य निर्वाचन आयोग तैयारियों के साथ संवेदनशील व अति संवेदनशील बूथों को चिह्नित करके इनकी सूची बना रहा है, हालांकि इन बूथों का चयन चुनाव में प्रत्याशियों की घोषणा के बाद भी किया जाएगा, लेकिन राज्य निर्वाचन तैयारियों को देख अभी इन्हें करवा रहा है। संवेदनशील और अति संवेदनशील बूथों का चयन क्षेत्र में होने वाले आपराधिक इतिहास, सांप्रदायिक दंगों का इतिहास आदि के लिए किया जाता है। इन बूथों का मकसद यह होता है कि चुनाव को बिना किसी बाधा के साथ संपन्न करा दिया जाए, वर्ष 2017 में प्रदेश चुनाव के दौरान राज्य के मुख्य निर्वाचन अधिकारी कार्यालय ने संवेदनशील व अति संवेदनशील बूथ का चयन किया था।
सिमरन बिंजोला