सुनील हत्याकांड में संदिग्धों का मंगलवार से पॉलीग्राफ टेस्ट शुरू हो गया है। पहले दिन तीन संदिग्धों का टेस्ट कराया गया।अभी नौ संदिग्धों के टेस्ट किए जाने हैं। इसके बाद विशेषज्ञों की टीम अपनी रिपोर्ट एसटीएफ को सौंपेगी।
25 फरवरी को सुनील का शव हाथी पांव मसूरी के जंगल में पड़ा मिला था। शुरुआत में मसूरी पुलिस ने मुकदमा दर्ज कर जांच की लेकिन पांच महीनों तक मामले में कोई सफलता हाथ नहीं लगी। इसके बाद इस जांच को एसटीएफ के हवाले कर दिया गया।
एसटीएफ ने शुरुआती पड़ताल के बाद 12 संदिग्धों को चिह्नित किया। इनसे हत्याकांड का राज उगलवाने के लिए एसटीएफ ने कोर्ट से नार्को टेस्ट की अनुमति मांगी थी लेकिन कोर्ट ने पॉलीग्राफ टेस्ट की अनुमति दी।
बता दें कि जौनसार क्षेत्र निवासी सुनील मसूरी में दुकान चलाता था। अचानक वह गायब हो जाता है और दो दिन बाद उसका शव जंगल में पाया जाता है। इससे पहले परिवार वाले भी उसकी तलाश में जुटे हुए थे।
पुलिस ने परिवार के सभी सदस्यों और क्षेत्र के लोगों से पूछताछ की थी। इनमें से कुछ एसटीएफ की सूची में भी शामिल हैं। इससे अंदेशा जताया जा रहा है कि सुनील की हत्या किसी साजिश के तहत कुछ परिचितों के कहने पर की गई है।