टिहरी बांध परियोजना दिसंबर 2022 तक अपनी क्षमता के अनुरूप बिजली उत्पादन शुरू कर देगी। टीएचडीसी की द्वितीय चरण की एक हजार मेगावाट की पीएसपी (पंप स्टोरेज प्लांट) का निर्माण अंतिम दौर में है । भूमिगत इस महत्वपूर्ण परियोजना का निर्माण पूरा होने से देश की ऊर्जा जरूरतें पूरी होने के साथ ही टीएचडीसी के खाते में एक और उपलब्धि जुड़ जाएगी।
इससे जहां एक हजार मेगावाट बिजली उत्पादन होगा वहीं स्थानीय लोगों को लाभ होगा। बिजली उत्पादन से मिलने वाले राजस्व की दो फीसदी धनराशि सीएसआर मद से बांध प्रभावित क्षेत्र के विकास कार्यों पर खर्च की जाएगी। टिहरी बांध परियोजना 2400 मेगावाट की है, जिसमें से एक हजार मेगावाट मुख्य बांध और 400 मेगावाट कोटेश्वर बांध से बिजली उत्पादन हो रहा है।
जबकि एक हजार मेगावाट की पीएसपी परियोजना का निर्माण 2011 में शुरू हुआ था। पीएसपी का सिविल कार्य एचसीसी, हाइड्रो, इलेक्ट्रो मैकेनिकल कार्य जीई हाइड्रो फ्रांस एवं जीई पावर इंडिया कंपनी कर रही है। वर्तमान में सिविल, हाइड्रो मैकेनिकल के 90 फीसदी कार्य पूरे कर दिए गए हैं जबकि इलेक्ट्रो मैकेनिकल का 85 फीसदी कार्य हो चुका है। परियोजना के निर्माण पर 22 हजार करोड़ रुपये खर्च होंगे। टिहरी बांध परियोजना के डाउनस्ट्रीम में स्थित कोटेश्वर बांध की झील से अपस्ट्रीम में स्थित टिहरी बांध झील में जल को पंपिंग कर पहुंचाया जाएगा, जिससे चार टरबाइनों को चलाकर बिजली उत्पादन किया जाएगा। बिजली उत्पादन ग्रिड की मांग के अनुसार होगा।