हरिद्वार में हुई “धर्म संसद” भड़काऊ बयान का एक वीडियो सामने आने के बाद से बवाल मचा हुआ है। इस धर्म संसद बैठक में एक वक्ता ने विवादित भाषण देते हुए कहा था कि धर्म की रक्षा के लिए हिंदुओं को हथियार उठाने की जरूरत है। उस व्यक्ति ने कहा था कि किसी भी हालत में देश में मुस्लिम प्रधानमंत्री न बने। मुस्लिम आबादी बढ़ने पर रोक लगानी होगी। अल्पसंख्यक समुदाय के खिलाफ कथित रूप से हिंसा भड़काने वाले हरिद्वार में ‘धर्म संसद’ के भाषणों की स्वतंत्र जांच की मांग वाली याचिका पर शीर्ष अदालत में आज सुनवाई होगी।
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भारत के मुख्य न्यायमूर्ति एनवी रमण की अध्यक्षता वाली पीठ मामले की सुनवाई करेगी। इससे पहले मामले को वरिष्ठ वकील और कांग्रेस नेता कपिल सिब्बल ने सुप्रीम कोर्ट में रखा था। आईएफएस के 32 पूर्व अधिकारियों ने कहा था कि किसी भी तरह की हिंसा के आह्वान की निंदा करते समय धर्म, जाति, क्षेत्र या वैचारिक मूल का लिहाज नहीं किया जाना चाहिए। सरकार के खिलाफ सतत निंदा अभियान चलाने का आरोप लगाते हुए उन्होंने कहा कि ऐसी निंदा सभी के लिए होनी चाहिए।
शिवानी चौधरी