UP : फतवे के बाद चर्चा में आया दारुल उलूम देवबंद
उत्तर प्रदेश के सहारनपुर स्थित देश की सबसे बड़ी इस्लामिक संस्था दारुल उलूम देवबंद गजवा-ए-हिन्द (भारत पर आक्रमण) को मान्यता देने वाले फतवे फिर घिर गया है. इस्लामिक संस्था ने अपनी वेबसाइट के माध्यम से ये फतवा दिया है, जिसमें गजवा-ए-हिन्द को महिमामंडित करते हुए इस्लामिक दृष्टिकोण से वैध ठहराया है. जिस पर एक्शन लेते हुए राष्ट्रीय बाल संरक्षण आयोग (एनसीपीसीआर) ने इस फतवे को देश विरोधी बताते हुए सहारनपुर डीएम और एसएसपी से एफआइआर दर्ज कराने को कहा है.
UP : फतवे के बाद चर्चा में आया दारुल उलूम देवबंद
विश्व प्रसिद्ध इस्लामिक शिक्षण संस्थान दारुल उलूम देवबंद (Darul Uloom Deoband) एक फतवे से चर्चा में आ गया है. सहारनपुर प्रशासन को राष्ट्रीय बाल अधिकार संरक्षण आयोग (NCPCR) ने पत्र लिखकर कार्रवाई के लिए निर्देशित किया है. दारुल उलूम देवबंद की वेबसाइट से गजवा-ए-हिन्द को मान्यता देने वाला फतवा जारी किया गया है. कहा गया है कि गजवा-ए-हिन्द में मरने वाले महान बलिदानी होंगे. गजवा-ए-हिंद को वैधता प्रदान करने के लिए दारुल उलूम देवबंद ने साहिहसीता की पुस्तक सुन्नन अल-नसाई का हवाला दिया है. चैप्टर में हजरत अबू हुरैराह के हवाले से एक हदीस सुनाई गई है. उन्होंने गजवा-ए-हिंद पर कहा कि ‘मैं खुद धन संपदा को इसमें कुर्बान कर दूंगा. मैं सबसे पहले महान बलिदानी बनूंगा.’ पुस्तक को प्रकाशित करनेवाली कंपनी का नाम भी दिया गया है. गजवा-ए-हिन्द पर फतवे से घिरा दारुल उलूम देवबंद
गजवा-ए-हिंद के महिमामंडन को एनसीपीसीआर ने गंभीरता से लिया है. जिलाधिकारी को संबोधित पत्र में एक्शन लेने के लिए निर्देशित किया गया है. एनसीपीसीआर का कहना है कि दारुल उलूम देवबंद मदरसे में बच्चों को भारत विरोधी शिक्षाएं दे रहा है. भारत विरोधी शिक्षाओं से इस्लामिक कट्टरपंथ को बढ़ावा मिल रहा है. एनसीपीसीआर ने फतवे को किशोर न्याय अधिनियम की धारा 75 का उल्लंघन करार दिया. आशंका जताई गई है कि फतवे की सामग्री से देश के खिलाफ नफरत फैल सकती है. जिला प्रशासन से दारुल उलूम की बेवसाइट की जांच करने को भी कहा गया है.
एनसीपीसीआर के मुताबिक फतवे से देश की जनता को गुमराह किया गया है. इसलिए वेबसाइट की जांच कर तुरंत ब्लॉक किया जाए. एनसीपीसीआर ने जिला प्रशासन को एक्शन नहीं लेने पर जिम्मेदार मानने की भी चेतावनी दी है. जिलाधिकारी दिनेश चंद्र सिंह ने बताया कि एनसीपीसीआर से निर्देश प्राप्त हुए हैं. मामले की जांच देवबंद के सीओ और एसडीएम से करने को कहा गया है. विवाद पर दारुल उलूम देवबंद की तरफ से प्रतिक्रिया का इंतजार है.