उत्तराखंड: 24 गांव में रात्रि कर्फ्यू, 21 तक स्कूल आंगनवाड़ी बंद
पौड़ी: उत्तराखंड में पौड़ी जिले के रिखणीखाल और धुमाकोट के क्षेत्र में आजकल बाघ ने आतंक मचा रखा है। यहां बाघ ने हफ्ते भर में 2 लोगों को अपना शिकार बना दिया, जिसके बाद बाघ के हमले से दोनों लोगो मौत हो गई। मामले की गंभीरता को देखते हुए जिलाधिकारी ने कॉर्बेट पार्क से लगे रिखणीखाल और धुमाकोट क्षेत्र के 24 गांवो में अगले आदेश तक रात का कर्फ्यू लगा दिया है। आदमखोर बाघ के हमलों को देखते हुए यह फैसला लिया गया है। डीएम के आदेश के मुताबिक रात्रि कर्फ्यू शाम 7 बजे से सुबह 6 बजे तक रहेगा।
इस दौरान गांव के लोगों की आवाजाही बंद रहेगी। पशुपालकों को चारा उपलब्ध कराने के लिए पशुपालन विभाग को निर्देश दिए गए हैं। रात के समय स्थानीय लोगों को अनावश्यक घरों से बाहर ना निकलने व दिन के समय अकेले आवाजाही ना करने की हिदायत दी गई है। डीएम ने क्षेत्र में स्थिति सामान्य होने तक धारा 144 जारी रखने के भी निर्देश दिए हैं। साथ ही रिखणीखाल के तहसीलदार को प्रभावित गांवों की सूची बनाने और अगले आदेश तक गांव में ही रहने का आदेश जारी किया है। बता दे आदमखोर बाघ को पकड़ने के लिए 10 किमी परिधि का जीपीएस मैप तैयार किया जा रहा है।
स्कूल, आंगनवाड़ी बंद: बच्चों की सुरक्षा के मद्देनजर क्षेत्र के स्कूल और आंगनवाड़ी केंद्रों को मंगलवार तक बंद रखने का फैसला लिया है। आपको जानकारी देते हुए बता दें की डीएम डॉ आशीष चौहान ने दुगड्डा में अधिकारियों के साथ मामले को लेकर बैठक की जिसमें डीएफओ को क्षेत्र में पिंजरो की संख्या बढ़ाने, कैमरा ट्रैप और 10 किमी परिधि का जीपीएस मैप तैयार करने के निर्देश दिए है।
सरकारी महकमों के क्षेत्रीय कर्मचारियों को भी टीम बनाकर सक्रिय रहने को कहा। साथ ही डीएम के निर्देश के बाद ढल्ला गांव के आसपास दो ट्रेकुलाइजर टीम, फॉरेस्ट गार्ड, 15 पीआरडी जवान पुलिस के साथ, राजस्व विभाग के अधिकारी भी ग्रामीणों की सुरक्षा हेतु व अन्य सहायता के लिए मुस्तेद किए गए हैं।
हफ्ते भर में बाघ के हमले से गई 2 लोगों की जान
रिखणीखाल और धुमाकोट क्षेत्र में सक्रिय आदमखोर बाघ ने एक हफ्ते के भीतर दो लोगों की जान ले ली है। पहले व्यक्ति को बाघ ने बीते गुरुवार कालागढ़ टाइगर रिजर्व की सीमा से सटे ढल्ला गांव में मार डाला वहीं दूसरे व्यक्ति को नैनीडांडा ब्लाक के भेड़गांव में शनिवार को बाघ ने सेवानिवृत्त शिक्षक को अपना शिकार बनाया।
साथ ही आपको बताते चलें कि पौड़ी जिले में कही ऐसे मामले सामने आ चुके हैं जहां बाघ और गुलदार ने लोगो पर हमला कर उनकी जान ली है। पौड़ी जिले में बीते 10 सालों में करीब 45 लोग गुलदार के हमले से अपनी जान गवा चुके है। यह आंकड़ा वन विभाग के आंकड़ों के मुताबिक है।
सरकारी महकमों के क्षेत्रीय कर्मचारियों को भी टीम बनाकर सक्रिय रहने को कहा। दो ट्रेकुलाइजर टीम, फॉरेस्ट गार्ड, 15 पीआरडी जवान पुलिस के साथ, राजस्व विभाग के अधिकारी भी ग्रामीणों की सुरक्षा हेतु व अन्य सहायता के लिए मुस्तेद किए गए हैं।