वहां की शिक्षा व्यवस्था की अच्छाइयों से हुए प्रभावित,अब प्रदेश में भी उन गुणवत्तापरक बारीकियों का करेंगे समायोजन
देहरादून : स्वास्थ्य एवं शिक्षा मंत्री डा. धन सिंह रावत प्रदेश की शिक्षा व्यवस्था का कायाकल्प करने में लगे हैं। विद्यार्थियों के सर्वांगीण विकास और उन्हें गुणवत्तापरक शिक्षा देने के लिए वे प्रतिबद्ध दिखाई देते हैं। इसके लिए उन्होंने कमर कसी है। हाल ही में उनका फिनलैंड की राजधानी हेलसिंकी का दौरा इसी का नतीजा रहा। वे वहां की शिक्षा पद्धति से खासे प्रभावित हैं।
दरअसल फिनलैंड ने बहुत कम समय में पूरी दुनिया में शिक्षा में बहुत नाम कमाया है। यहां तक कि अमेरिका भी शिक्षा में उसकी इस छलांग पर रष्क करता है। शिक्षा के प्रति धन सिंह रावत की यह लगन काबिले तारीफ है। दरअसल डा. धन सिंह रावत उत्तराखंड की राजनीति में बहुत स्वच्छ छवि की हैसियत रखते हैं। उनकी लगनशीलता और प्रतिबद्धता अनुकरणीय है। वे युवाओं के लिए जहां रोल मॉडल का काम कर रहे हैं।
वहीं, राजनीति में भी नई दिशा बनाते हुए नया आयाम स्थापित कर रहे हैं। उनकी सरलता और जन निकटता उन्हें एक जन नेता का रुतबा देती है। वे जनता के बीच खासे लोकप्रिय हैं। वे क्षेत्र की जनता में प्यार से धनदा के नाम से जाने जाते हैं। उनकी सरल हदयता उन्हें एक जमीनी नेता की छवि देती है। वे जनता के कार्यां को सर्वोपरि रखते हैं और यही उन्हें सबसे अलग बनाती है। प्रदेश के मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी के वे बहुत विश्वासपात्र मंत्री हैं, तभी उनके पास शिक्षा, स्वास्थ्य और सहकारिता जैसे महत्वपूर्ण विभाग हैं। और वे कुशलता से इन विभागों में विकास के नये मानक बना रहे हैं।
दरअसल उत्तराखंड में स्वास्थ्य सुविधाओं को दुरुस्त करने के लिए धनसिंह रावत लगातार कार्य कर रहे हैं। इसके लिए उन्होंने प्रदेश में डॉक्टरों और नर्सों की कमी को दूर करने का संकल्प लिया है। इस क्रम में पिछले माह में ही नवनियुक्त नर्सिंग अधिकारियों को नियुक्ति पत्र दिये गए। उन्होंने पहले चरण में 1376 नर्सिंग अधिकारियों को नियुक्ति पत्र दिए।
डा. रावत जहां प्रदेश की स्वास्थ्य सेवाओं को बेहतर कर रहे हैं, वहीं, उत्तराखंड में शिक्षा के स्तर को बढ़ाने पर भी बल दे रहे हैं। वे युवाओं को रोजगार से जोड़ने तथा गांवों में रहन-सहन को बेहतर बनाने पर भी जोर दे रहे हैं। हाल ही में उन्होंने कहा कि 500 एमबीबीएस डॉक्टर जल्द ही उत्तराखंड आएंगे। साथ ही उन्होंने डॉक्टरों की आयु सीमा 65 साल करने की घोषणा भी की है, ताकि प्रदेश में डॉक्टरों की कमी को पूरा किया जा सके।
इसके अलावा उन्होंने आश्वासन दिया कि अस्पतालों में कंपाउडरों, एएनएम सहित, सब प्रकार के तकनीशियनों की तैनाती की जाएगी। वहीं, वे लोगों के आयुष्मान कार्ड बनाने में भी खासी दिलचस्पी ले रहे हैं। यही नहीं प्रदेश को नशा मुक्त और टीबी मुक्त बनाने पर भी उनका खासा जोर है। अध्यापकों की कमी को दूर करने के लिए भी वे प्रतिबद्ध हैं। इसके अलावा उन्होंने ग्रामीण महिलाओं को सहकारिता से जोड़ते हुए उनके लिए रोजगार के साधन उपलब्ध कराने पर बल दिया है। मोटे आनाज को बढ़ावा देने के लिए भी वे विशेष अभियान चल रहे हैं।
क्षेत्र में किया विकास योजनाओं का लोकार्पण
पैठाणी के पडाल में एक करोड़ की लागत से उत्तराखंड राज्य सहकारी संघ द्वारा निर्मित गोदाम और यूसीएफ संघ कार्यालय का लोकार्पण किया। इसके अलावा राठ क्षेत्र में करोड़ों की पेयजल योजनाओं और विकास कार्यों का भी सहकारिता मंत्री ने शिलान्यास और लोकार्पण किया। उच्च शिक्षा, स्वास्थ्य, सहकारिता मंत्री डॉ. धन सिंह रावत ने श्रीनगर विधानसभा के अंतर्गत पैठाणी के पडाल तोक में करोड़ों की विकास योजनाओं का लोकार्पण और शिलान्यास किया।
उन्होंने एक करोड़ की लागत से निर्मित सहकारिता की शीर्ष संस्था उत्तराखंड राज्य सहकारी संघ द्वारा निर्मित गोदाम का लोकार्पण और करोड़ों की पेयजल योजनाओं का शिलान्यास किया। वर्तमान में पूरे देश भर में अंतरराष्ट्रीय मिलेट्स मिषन चल रहा है। जिसमें हम मोटे अनाज को बढ़ावा देने के लिए किसानों को अच्छी उपज के लिए प्रेरित कर रहे हैं और किसानों को घर बैठे ही उपज का अच्छा मूल्य दिया जा रहा है।
जल जीवन मिषन कार्यक्रम के अंतर्गत 70 लाख की लागत से पल्ली गांव पेयजल योजना फेज-2, 63.40 लाख की लागत से सिरतोली पेयजल योजना, 35.70 लाख की लागत से दरमोली पेयजल योजना, 11 लाख की लागत से डोबरा पेयजल योजना, 45.09 लाख की लागत से बड़ेथ पेयजल योजना, 37.5 लाख की लागत से कुटकंडे पेयजल योजना व 19.57 की लागत से बनास पेयजल योजना का षिलान्यास तथा 10-10 लाख की लागत से पल्ली और कुटकंडे पंचायत भवन का शिलान्यास किया।
दरअसल उत्तराखंड राज्य सहकारी संघ द्वारा उत्तराखंड राज्य में समितियां के माध्यम से सीधा किसानों से मिलेट्स की खरीद रही है, जिसमें 38 रुपए की दर पर मंडुवा और झंगोरा खरीदा जा रहा है। दूरस्थ क्षेत्र में संघ द्वारा निर्मित गोदाम का उद्देश्य यही है कि अब किसान अपनी फसली उपज को और भी आसानी से विक्रय कर पाएंगे जिससे सहकारिता क्रांति को बढ़ावा मिलेगा।
वहीं, केन्द्रीय शिक्षा मंत्रालय ने प्रधानमंत्री उच्चतर शिक्षा अभियान (पीएम-उषा) के अंतर्गत उत्तराखंड को 120 करोड़ की धनराशी स्वीकृत की है। जिसमें कुमाऊं विश्वविद्यालय को मल्टी डिसिप्लिनरी एजुकेशन एंड रिसर्च यूनिवर्सिटीज (मेरू) के तहत विभिन्न कार्यों के लिये रू0 100 करोड़ तथा दून विश्वविद्यालय को विश्वविद्यालय संवर्द्धन कम्पोनेंट के अंतर्गत रू0 20 करोड़ की धनराशी दी गई है।
उच्च शिक्षा के कायाकल्प के लिये राज्य सरकार ने केन्द्र सरकार के साथ प्रधानमंत्री उच्चतर शिक्षा अभियान (पीएम-उषा) के अंतर्गत पांच कम्पोनेंट के क्रियान्वयन हेतु पूर्व में अनुबंध किया गया था। जिसके अंतर्गत राजकीय विश्वविद्यालयों एवं महाविद्यालयों में आधारभूत सुविधाओं के विकास एवं आधुनिकीकरण, शोध गतिविधियों का संचालन एवं विस्तार, कौशल विकास आधारित शिक्षा, प्रौद्योगिकी का उपयोग, नैक में सुधार के लिये गुणवत्ता को बढ़ावा देना, ई-लर्निंग एवं वर्चुअल लर्निंग के आउटपुट पर नजर रखने सहित अनेक कार्य शामिल हैं।
पूर्व में किये गये अनुबंध के तहत राज्य सरकार द्वारा केन्द्र सरकार को भेजे गये प्रस्तावों पर मंजूरी मिलनी शुरू हो गई है। प्रथम चरण में राष्ट्रीय शिक्षा नीति के अनुरूप मेरू राष्ट्रीय स्तर पर 26 विश्वविद्यालयों को चयनित किया गया है, जिसमें से प्रदेश से कुमाऊं विश्वविद्यालय, नैनीताल भी शामिल है।
इस परियोजना के तहत कुमाऊं विश्वविद्यालय को रू0 100 की धनराशी मिली है। जिससे विश्वविद्यालय में विभिन्न शोध एवं शैक्षणिक केन्द्रों की स्थापना की जायेगी। जिनमें सेंटर फॉर सस्टेनेबल अर्बन डेवलपमेंट, सेंटर फॉर प्रोफेशनल डेवलपमेंट एंड एन्टरप्रेन्योरषिप, सेंटर फॉर नॉन कन्वेंशनल एनर्जी स्टडीज, सेंटर फॉर डिजास्टर मैंनेजमेंट, सेंटर फॉर एडवांस कम्प्यूटरिंग, सेंटर फॉर एक्सीलेंस इन हिमालयन मेडिसिनल प्लांट्स एंड वेलनेस लाइफस्टाइल, फैकल्टी ऑफ लॉ एंड एजूकेशन, फैकल्टी ऑफ बायोमेडिकल साइंसेज एंड नैनो टेक्नोलॉजी, सेंट्रलाइज्ड इंस्ट्रूमेंटेशन फैसिलिटीज के साथ ही आधारभूत सुविधाओं का आधुनिकीकरण एवं शोध कार्यों का विस्तार किया जायेगा।
इसके अलावा दून विश्वविद्यालय को विश्वविद्यालय संवर्द्धन कम्पोनेंट के तहत रू0 20 करोड़ की धनराशी मिली है। जिससे विश्वविद्यालय में कम्पोजिट साइंस लेबोरेटरी निर्माण, नवाचार व आधुनिकीकरण के कार्य किये जायेंगे। जिससे दोनों विश्वविद्यालयों में आधुनिक एवं गुणवत्तापरक शिक्षा के विस्तार के साथ ही रोजगारपरक व प्रौद्योगिकी संबंधी शिक्षा के विस्तार में मदद मिलेगी।
सूबे के 46 राजकीय महाविद्यालयों में संचालित विभिन्न विषयों की प्रयोगशालाएं नवीन उपकरणों से लैस होंगी। इसके लिये राज्य सरकार ने रू0 5.30 करोड़ की धनराशी स्वीकृत कर दी है, जो कि भारत सरकार की स्कीम फॉर स्पेशल असिस्टेंस टू स्टेट्स फॉर कैपिटल इवेंस्टमेंट 2023-24 योजना के तहत प्रदान की गई है। महाविद्यालयों में प्रयोगशालाओं के अपडेशन से जहां छात्र-छात्राओं को प्रयोगात्मक कार्य करने में आसानी होगी। वहीं शिक्षकों को भी प्रयोगात्मक कार्यां को समझाने में मदद मिलेगी। इसके साथ ही महाविद्यालयों को नैक मूल्यांकन कराने में भी सहूलियत मिलेगी।
उच्च शिक्षा विभाग के अंतर्गत राजकीय महाविद्यालयों को नई शिक्षा नीति-2020 के प्रावधानों के अनुरूप विभिन्न स्तरों पर सुदृढ़ किया जा रहा है। इसके लिये महाविद्यालयों में संरचनात्मक ढ़ांचा एवं शैक्षिक गतिविधियों को लगातार मजबूत किया जा रहा है। इसी क्रम में प्रदेश के 46 राजकीय महाविद्यालयों में संचालित विभिन्न विषयों की प्रयोगषालाओं का अपडेशन कर उनमें उच्च कोटि के उपकरण फर्नीचर के साथ उपलब्ध कराये जायेंगे। इसके लिये राज्य सरकार ने रू0 5.30 करोड़ की धनराशी स्वीकृत कर दी है।
डॉ. रावत ने बताया कि प्रयोगशाला उपकरण क्रय करने हेतु भारत सरकार की स्कीम फॉर स्पेशल असिस्टेंस टू स्टेट्स फॉर कैपिटल इवेंस्टमेंट 2023-24 योजना के तहत धनराशी प्रदान की गई है। जिससे चयनित महाविद्यालयों में भौतिक विज्ञान, रसायन विज्ञान, जन्तु विज्ञान, वनस्पति विज्ञान, गृह विज्ञान, सैन्य विज्ञान, शिक्षाशास्त्र, मानव विज्ञान आदि विषयों की प्रयोगशालाओं में उपकरणों की खरीद की जायेगी।
योजना के अंतर्गत राजकीय स्नातकोत्तर महाविद्यालय रानीखेत, अल्मोड़ा को विभिन्न विषयों की प्रयोगशाला उपकरण हेतु रू0 14 लाख की धनराशी स्वीकृत की गई है। इसी प्रकार पीजी कॉलेज सोमेश्वर एवं राजकीय महाविद्यालय जैती को रू0 12-12 लाख की धनराशी मंजूर की गई।
बागेश्वर जनपद के अंतर्गत राजकीय महाविद्यालय कपकोट एवं गरूड़ को रू0 10-10 लाख तथा राजकीय महाविद्यालय काण्डा के लिये रू0 12 लाख की धनराशी स्वीकृत की गई है। चम्पावत जनपद के अंतर्गत राजकीय महाविद्यालय देवीधुरा को रू0 12 लाख तथा राजकीय महाविद्यालय अमोरी को रू0 10 लाख की धनराशी प्रदान की गई है। पिथौरागढ़ जनपद के अंतर्गत राजकीय स्नातकोत्तर कॉलेज बेरीनाग के लिये रू0 12 लाख तथा मुनस्यारी पीजी कॉलेज के लिये रू0 आठ लाख स्वीकृत किये गये हैं।
नैनीताल में पीजी कॉलेज रामनगर को रू0 14 लाख, डिग्री कॉलेज मालधनचैड़ को रू0 आठ लाख तथा डिग्री कॉलेज कोटाबाग तथा पीजी कॉलेज हल्दूचैड़ को रू0 12-12 लाख स्वीकृत किये गये हैं। ऊधमसिंह नगर जनपद में डिग्री कॉलेज सितारगंज तथा बाजपुर के लिये रू0 12-12 लाख की धनराशि मंजूर की गई है। पौड़ी गढ़वाल में पीजी कॉलेज कोटद्वार एवं थलीसैंण को रू0 14-14 लाख, डिग्री कॉलेज रिखणीखाल, भाबर कोटद्वार, सतपुली एवं पीजी कॉलेज जयहरीखाल को रू012-12 लाख तथा मजरा महादेव महाविद्यालय को रू0 आठ लाख की धनराशि स्वीकृत की गई है। टिहरी गढ़वाल में पीजी कॉलेज नई टिहरी को रू0 14 लाख, पीजी कॉलेज अगरोड़ा, नरेन्द्र नगर एवं लम्बगांव को रू0 12-12 लाख तथा पीजी कॉलेज नैनबाग तथा चन्द्रबदनी को रू0 10-10 लाख प्रदान किये गये हैं।
चमोली जनपद के तहत पीजी कॉलेज गोपेश्वर, कर्णप्रयाग एवं जोशीमठ को रू0 12-12 लाख तथा लॉ कालेज गोपेश्वर के लिये रू0 आठ लाख की धनराशि स्वीकृत की गई है। देहरादून जनपद में पीजी कॉलेज डाकपत्थर, डिग्री कॉलेज रायपुर तथा डोईवाला को रू0 14-14 लाख तथा डिग्री कॉलेज त्यूनी के लिये 12 लाख की धनराशि प्रदान की गई है।
इसी प्रकार उत्तरकाशी जनपद में पीजी कॉलेज उत्तरकाशी , बड़कोट, चिनयालीसौड़ तथा पुरोला के लिये रू0 12-12 लाख तथा रूद्रप्रयाग जनपद में डिग्री कॉलेज रूद्रप्रयाग के लिये रू0 12 लाख तथा डिग्री कॉलेज जखोली के लिये रू0 आठ लाख स्वीकृत किये गये हैं। हरिद्वार जनपद में डिग्री कॉलेज खानपुर तथा चुडियाला के लिये रू0 आठ-आठ लाख की धनराशि योजना के अंतर्गत स्वीकृत की गई है।
विभागीय मंत्री डॉ. रावत ने कहा कि चयनित महाविद्यालयों में प्रयोगशाला उपकरण उपलब्ध कराने के लिये शिघ्र ही शासन स्तर से आदेश जारी कर दिये जायेंगे। इस संबंध में विभागीय उच्चाधिकारियों को निर्देश दे दिये गये हैं। महाविद्यालयों में नवीन प्रयोगशाला उपकरणों की उपलब्धता से जहां छात्र-छात्राओं को प्रयोगात्मक कार्यों को करने में आसानी होगी साथ ही उनमें शोध के कार्यों के प्रति जागरूकता बढ़ेगी।
इसके अलावा महाविद्यालयों को नैक की मान्यता लेने में भी आसानी रहेगी। श्रीनगर विधानसभा क्षेत्र के विकासखंड थलीसैण के अंतर्गत राजकीय इंटर कॉलेज टीला एवं राजकीय इंटर कॉलेज चाकीसैंण की सूरत बदली नजर आयेगी। दोनों विद्यालयों के भवनों के मरम्मत एवं अनुरक्षण के लिये रू0 42.46 लाख मंजूर कर दिये हैं, इसके साथ ही निर्माण कार्य के लिये कार्यदायी संस्था भी नामित कर दी गई है। इस संबंध में शीघ्र ही शासन स्तर से आदेश जारी कर दिये जायेंगे।
सूबे के विद्यालयी शिक्षा मंत्री डॉ. धन सिंह रावत ने बताया कि प्रदश के राजकीय विद्यालयों में अवस्थापना संरचना एवं भौतिक संसाधान उपलब्ध कराना राज्य सरकार की प्राथमिकता में है और सरकार हर स्तर से विद्यालयों को सुविधा सम्पन्न बनाने में जुटी है।
इसी क्रम में राज्य सरकार ने श्रीनगर विधानसभा क्षेत्र के थलीसैंण विकासखंड के दूरस्थ विद्यालयों राजकीय इंटर कॉलेज टीला एवं राजकीय इंटर कॉलेज चाकीसैण में मरम्मत एवं अनुरक्षण संबंधी कार्यों के लिये रू0 42.46 लाख की धनराशी की मंजूरी दे दी है। जिसमें राजकीय इंटर कॉलेज चाकीसैण में मरम्मत कार्य के लिये रू0 25.60 लाख एवं राजकीय इंटर कॉलेज टीला को रू0 16.86 लाख शामिल है।
श्रीनगर-खिर्सू, मैलसैंण-चोपड़ा-बूंखाल-पैठाणी मार्ग पर बस सेवा का किया शुभारंभ
श्रीनगर-खिर्सू, मैलसैंण-चोपड़ा-बूंखाल-पैठाणी मार्ग पर बस सेवा का शुभांरभ किया। उन्होंने कहा कि इस मार्ग पर बस सेवा का संचालन होने से आमजनमानस को काफी लाभ मिलेगा। इसके अलावा उन्होंने श्रीनगर के राजकीय औद्यौगिक प्रषिक्षण संस्थान के नये भवन में पठन-पाठन का शुभारंभ व श्रीनगर में गंगा म्यूजियम केंद्र का भूमि पूजन किया। वहीं, उन्होंने विकासखंड खिर्सू में 15 करोड़ की लागत से 18 योजनाओं की सौगात क्षेत्रवासियों को दी। उन्होंने 2 करोड़ 90 लाख की लागत से नव निर्मित विकासखंड मुख्यालय का शुभारंभ किया।
उन्होंने कहा कि बहुत ही कम समय में ब्लॉक का कार्य पूर्ण किया गया है। कहा कि मुख्यालय के अधिकारी व कार्मिकों के अलावा आम जनमानस को नये भवन बनने से काफी लाभ मिलेगा। उन्होंने कहा कि श्रीनगर विधानसभा के अंतर्गत कई विकास कार्यों का कार्य पूरा हो चुका है, जिसका सीधा लाभ जनता को मिल रहा है। राज्य सरकार ने सूबे के पांच जनपदों के 20 राजकीय इंटर कॉलेजों को कलस्टर विद्यालय बनाने की स्वीकृति दे दी है।
इन विद्यालयों में भवन निर्माण एवं अन्य अवस्थापना कार्यों के लिये रू 21 करोड़ से अधिक की धनराशि स्वीकृत की गई है, जिसमें से रू 13 करोड़ की धनराशि पहली किस्त तौर पर संबंधित विद्यालयों को जारी कर दी गई है। विभागीय अधिकारियों को कलस्टर विद्यालयों में शीघ्र निर्माण कार्य शुरू करने के निर्देश दे दिये हैं। इससे पहले राज्य सरकार 21 राजकीय इंटर कॉलेजों को कलस्टर विद्यालय बनाने की मंजूरी दे चुकी है।
राज्य सरकार की महत्वकांक्षी कलस्टर विद्यालय योजना पर तेजी से काम हो रहा है। उन्होंने बताया कि नई शिक्षा नीति-2020 के प्रावधनों के तहत राज्य सरकार ने प्रदेश के पांच जनपदों उत्तरकाशी, टिहरी, देहरादून, बागेश्वर एवं पौड़ी गढ़वाल के 20 राजकीय इंटर कॉलेजों को कलस्टर विद्यालय बनाने की मंजूरी दे दी है। जिसमें उत्तरकाशी, देहरादून एवं बागेश्वर जनपद में दो-दो कलस्टर विद्यालय, टिहरी में पांच तथा पौड़ी जनपद में नौ विद्यालय शामिल है।
विभागीय मंत्री डा. रावत ने बताया कि इन सभी चयनित विद्यालयों में भवन निर्माण एवं अन्य अवस्थापना संबंधी कार्यों के लिये रू0 21 करोड़ 70 की धनराशी स्वीकृत की गई है। जिसमें से रू0 13 करोड़ 14 लाख की धनराषि संबंधित विद्यालयों को पहली किस्त के तौर पर जारी कर दी गई है। डा0 रावत ने बताया कि कलस्टर विद्यालय योजना के तहत पौड़ी जनपद में राजकीय इंटर कॉलेज पोखड़ा को भवन निर्माण के लिये रू0 112.18 लाख की धनराशी स्वीकृत की गई है।
इसी प्रकार राजकीय इंटर कॉलेज पाबौं को 104.41, राजकीय इंटर कॉलेज वेदीखाल 131.11, राजकीय इंटर कॉलेज मोहनचट्टी 116.76, राजकीय इंटर कॉलेज दुगड्डा 103.02, राजकीय इंटर कॉलेज कण्डारा 109.39, राजकीय इंटर कॉलेज एकेश्वर 109.87, राजकीय इंटर कॉलेज कैण्डूल ठांगर 129.94 तथा राजकीय इंटर कॉलेज खैरासैण को रू0 114.16 लाख की धनराषि स्वीकृत की गई है। इसी प्रकार उत्तरकाशी जनपद में अटल उत्कृश्ट राजकीय इंटर कॉलेज पुरोला को रू0 143.27 लाख तथा राजकीय इंटर कॉलेज भंकोली को रू 0130.44 लाख की धनराशी स्वीकृत की गई है।
जनपद देहरादून में राजकीय इंटर कॉलेज बाड़वाला को रू0 124.74 लाख तथा राजकीय बालिका इंटर कॉलेज अजबपुर को रू0 128.21 लाख की धनराशी स्वीकृत की गई है। बागेश्वर जनपद में राजकीय इंटर कॉलेज कौसानी को रू0 18 लाख तथा राजकीय इंटर कॉलेज डोबा को रू0 28.40 लाख स्वीकृत किये हैं।
इसी प्रकार टिहरी गढ़वाल में राजकीय इंटर कॉलेज दौंक को रू0 101.56 लाख, राजकीय इंटर कॉलेज भैस्यारो को 117.02, राजकीय इंटर कॉलेज दीनगांव 106.35, राजकीय इंटर कॉलेज नागराजाधार, नगुण 113.55, राजकीय इंटर कॉलेज कफलोग 114.02, राजकीय इंटर कॉलेज सजवाणकाण्डा 118.57, राजकीय इंटर कॉलेज नैलचामी 119.22 तथा राजकीय इंटर कॉलेज जाखी डागर को रू0 113.33 लाख की धनराशी स्वीकृत की है।
बच्चों के सर्वांगीण विकास के दृष्टिगत किया फिनलैंड का दौरा
सूबे के विद्यालयी षिक्षा मंत्री डा. धन सिंह रावत ने प्रदेश में शिक्षा व्यवस्था को और अधिक सुदृढ़ बनाने के निमित्त अपने विभागीय अधिकारियों के साथ फिनलैण्ड का दौरा किया और वहां विद्यालयी शिक्षा में आकलन प्रक्रियाओं, दक्षता आधारित शिक्षा तथा शैक्षिक तकनीकी के बारे में जानकारी हासिल की।
इसके अलावा उन्होंने दोनों देषों के विद्यालयों के संचालन एवं प्रबंधन की गतिविधियों को भी समझा। भ्रमण कार्यक्रम के तहत उन्होंने फिललैण्ड की शिक्षा व्यवस्था एवं शैक्षिक गतिविधियों के बारे में जानकारी ली। दरअसल फिनलैण्ड का एजुकेषन सिस्टम बच्चों के सर्वांगीण विकास पर फोकस के लिये दुनियाभर में विख्यात है। यहां के विद्यालयों में छात्र-छात्राओं को तनावमुक्त वातावरण में शिक्षा दी जाती है।
साथ ही बच्चों पर परीक्षा का अनावश्यक बोझ भी नहीं डाला जाता है। यूरोपीय देशों में फिनलैण्ड की विद्यालयी शिक्षा व्यवस्था सबसे बेहतर मानी जाती है। वहां की बेहतर शिक्षण प्रणाली को राज्य में भी लागू किया जायेगा, ताकि प्रदेश की शिक्षा व्यवस्था को और अधिक सुदृढ़ एवं रोजगापरक बनाया जा सके।
उल्लेखनीय है कि फिनलैंड आज शिक्षा के क्षेत्र में पूरे विश्व में एक पहेली बना हुआ है और उसने शिक्षा में यह मकाम बहुत मेहनत से बनाया है। वहां के शिक्षकों ने इसके लिए कड़ी मेहनत की है। वहां बच्चों को अच्छे से नोटिस किया जाता है और उनकी प्रतिभा को खेल-खेल में निखारा जाता है। बच्चों को क्लास में कम रखा जाता है। वहां खेल-खेल में ही पढ़ाने की पद्धति अधिक प्रचलित है। इससे बच्चे मानसिक रूप से स्वस्थ रहते हैं और अपनी जिम्मेदारियों को बखूबी समझने लगते हैं।