उत्तरकाशी : ‘वाईब्रेंट विलेज‘ योजना के तहत जिले के सीमांत क्षेत्र के गांवों के समग्र विकास एवं आजीविका संवर्द्धन के लिए जिला स्तर पर योजनाओं का खाका तैयार कर लिया गया है। जिला स्तर से प्रस्तावित योजनाओं में ‘सीबक थार्न‘ से जुड़ी अत्यंत संभावनाशील मानी जा रही परियोजना के साथ ही खेती-बागवानी के विकास, ग्रामीण अवस्थापना विकास, पर्यटन, स्वास्थ्य एवं सड़क सुविधाओं के विस्तार और सामुदायिक महत्व की अनेक योजनाओ को सम्मिलित किए जाने का निर्णय लिया गया है।
इस सिलसिले में जिला कार्यालय में आयोजित एक बैठक में विधायक गंगोत्री सुरेश चौहान एवं जिलाधिकारी अभिषेक रूहेला की मौजूदगी में संबंधित विभागों के अधिकारियों ने क्षेत्र के जन प्रतिनिधियों के साथ ‘वाईब्रेंट विलेज‘ योजना के एक्शन प्लान पर विचार-विमर्श किया।
बैठक में जिलाधिकारी ने कहा कि प्रस्तावित योजनाओं को अंतिम रूप देकर आगामी 31 जुलाई से पूर्व पोर्टल पर अपलोड कर केन्द्र सरकार की स्वीकृति के लिए भेजा जाना है। उन्होंने बैठक में हुए विचार-विमर्श के अनुसार अधिकारियों को योजनाओं के अंतिम प्रस्ताव एवं आगणन तैयार कर तीन दिनों में उपलब्ध कराने के निर्देश दिए।
जिलाधिकारी ने कहा कि हर्षिल में उपलब्ध उद्यान विभाग की जमीन का स्थानीय लोगों के हित में अधिकतम व बेहतर उपयोग सुनिश्चित करने के लिए मास्टर प्लान तैयार कराया जाएगा। उन्होंने विभागों को यह भी सुनिश्चित करने को कहा कि योजनाओं के लिए भूमि की उपलब्धता पहले से तय हो और रोपवे-ट्रॉली आदि परियोजनाओं के मामले में यह भी देखा जाय कि इनसे हेलीकॉप्टर्स की उड़ानों पर कोई असर न पड़े।
बैठक में विधायक सुरेश चौहान ने कहा कि टकनौर क्षेत्र के सीमांत गांवों में बागवानी के विकास, खेती की घेरबाड़, पानी की निकासी, गांवों के आंतरिक मार्गों का सुदृढीकरण और पुलों की मरम्मत की योजनाओं को प्रमुखता दी जाय। उन्होंने जसपुर से जांगला तक सड़क के निर्माण के लिए प्रस्तावित महत्वपूर्ण योजना के पहले चरण का कार्य राज्य सेक्टर से कराए जाने का सुझाव देते हुए इस सड़क के लिए एकमुश्त प्राविधान किए जाने पर जोर दिया।
उन्होंने पंचायतों को गेस्ट हाऊस संचालित करने का सुझाव देते हुए इसका प्रस्ताव शामिल किए जाने की अपेक्षा की। चौहान ने कल्पकेदार मंदिर धराली के सौंदर्यीकरण की योजना तैयार किए जाने सहित पर्यटन विकास एवं अन्य विभागों से जुड़ी योजनाओं के बारे में भी अपने महत्वपूर्ण सुझाव रखे।
‘वाईब्रेंट विलेज‘ योजना के प्रस्तावित एक्शन प्लान के बारे में जानकारी देते हुए मुख्य विकास अधिकारी गौरव कुमार ने बताया कि इसमें ग्रामीण एवं पर्यटन अवस्थापना सुविधाओं के विकास, इको टूरिज्म, स्थानीय स्तर पर आजीविका के नए अवसरों को सृजित करने वाली गतिविधियों को प्रमुखता दी गई है। जिसके तहत सीमांत क्षेत्र के मुखवा, धराली, हर्षिल, बगोरी, झाला, जसपुर, पुराली, सुक्खी सहित नेलांग व जादुंग गांवों की योजनाओं का शामिल किया गया है।
बैठक में बताया गया कि खेती की घेरबाड़ के साथ ही भालुओं की रोकथाम के लिए सोलर फेंसिंग करने, फलोत्पादन एवं विपणन से जुड़े कार्यों, कृषि एवं बागवानी उत्पादों के परिवहन के लिए ट्रॉली स्थापित करने, भेड़ एवं बकरी पालन के साथ ही मत्स्य पालन को प्रोत्साहित करने की अनेक योजनाएं तैयार की गई है।
इस सीमांत क्षेत्र में ‘सीबक थॉर्न‘ जिसे स्थानीय बोली में ‘आमील‘ और प्रचलित रूप से ‘लेह बेरी‘ के नाम से जाना जाता है, की बड़ी मात्रा में उपलब्धता को देखते हुए इसके इसके व्यासायिक उत्पादन, प्रोसेसिंग, विपणन और ब्रांडिंग के साथ ही इससे संबंधित अनुसंधान के लिए एक महत्वपूर्ण योजना को भी एक्शन प्लान में प्रमुखता से रखा गया है।
गौर हो कि सीबक थार्न को जूस एक हजार रू. लीटर से भी अधिक कीमत में बाजार में बिकता है। इसके साथ ही सेब की ग्रेडिंग व शार्टिंग की मशीनों की व्यवस्था करने केे अलावा कोल्ड स्टोरेज की क्षमता में वृद्धि का प्रस्ताव भी किया गया है। क्षेत्र में सड़क सुविधाओं के विकास के अलवा पर्यटन स्थलों के लिए ट्रेक रूटों का निर्माण, राफ्टिंग सुविधाओं के विकास की योजना भी तैयार की गई हैं।
हर्षिल लघु जल विद्युत परियोजना का उच्चीकरण करने, क्षेत्र में वैकल्पिक ऊर्जा के उपकरणों एवं हाई मास्ट लाईट लगाए जाने के अलावा पेयजल व्यवस्था, सिंचाई, हर्षिल प्राथमिक स्वास्थ्य केन्द्र का उच्चीकरण करने का भी प्रस्ताव एक्शन प्लान में सम्मिलित किया गया है।
बैठक में ब्लॉक प्रमुख भटवाड़ी विनीता रावत, उप जिलाधिकारी चतर सिंह चौहान के साथ ही मुखवा, धराली, हर्षिल, बगोरी, झाला, जसपुर, पुराली, सुक्खी गांवों के प्रधान, क्षेत्र पंचायत सदस्य, जिला पंचायत सदस्य और विभिन्न विभागों व आईटीबीपी के अधिकारियों ने भाग लिया।