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आखिर इस दिवाली क्यों हांफ रहा अग्निशमन विभाग,…शहर में पटाखों की बिक्री को कितनी सुरक्षा ?? जानिए..

दिवाली पर्व अग्निशमन विभाग के लिए नई चुनौतियां लेकर आ रही है, मौजूदा वक्त में विभाग के पास छोटे-­बड़े दोनों मिलाकर सिर्फ सात स्थायी टेंडर हैं। इसलिए पुलिस के वाटर केनन भी शामिल किए गए हैं।

आखिर इस दिवाली क्यों हांफ रहा अग्निशमन विभाग

    दिवाली पर्व आने में मात्र डेढ़ हफ्तों का समय ही शेष है, लेकिन इस हर्षोल्लास के पर्व ने अग्निशमन विभाग के गले सुखा दिए हैं। दरअसल, सभी क्षेत्रों की तरह राजधानी दून में भी दिवाली बड़े ही धूम-धाम से मनाई जाती है और ऐसे में शहर में किसी भी प्रकार की अप्रत्याशित घटना व उसके निपटान को लेकर पुलिस और अग्निशमन विभाग का बेड़ा दोनों ही पूर्व प्लानिंग के अनुसार मुस्तैद रहते हैं। हालांकि, इससे निपटने में भी अग्निशमन विभाग के मौजूदा बेड़े का भी दम फूल जाता है। एक रिपोर्ट के अनुसार सामान्य दिनों में जहां रोजाना आग लगने की दो से चार ही घटनाएं घटित होती हैं वहां दिवाली की रातों में दो दर्जन से भी अधिक हो जाती हैं। बीते वर्ष दिवाली की रात में संबंधित विभाग को आग लगने की कुल 39 कॉल्स रिसीव हुईं। लिहाजा इस बात को गंभीरता से लेते हुए इस वर्ष विभाग ने पहले ही अपनी कमर कसते हुए और फायर टेंडर्स की कमी की वजह से पुलिस के दो वाटर कैनन भी अपने बेड़े में शामिल किए हैं। यूं तो यह वाटर कैनन शहर में प्रदर्शनकारियों और उपद्रवियों पर पानी की बौछार कर उन्हे रोकने के लिए उपयोग किए जाते हैं, परंतु दिवाली पर आग की घटनाओं से निपटने के लिए फिलहाल उन्हें फायर स्टेशन में रखा गया है। आपको बताते चलें कि इन वाटर कैनन में पांच हजार लीटर पानी ले जाने की क्षमता है, यही कारण भी है कि इन पर हौज रील लगाकर आग बुझाने में मदद मिलने की वजह से इन्हें बेड़े में शामिल किया है।    

शहर में पटाखों की बिक्री को कितनी सुरक्षा

    दून शहर में इस वर्ष पटाखे कहां पर क्रय किए जाएंगे और वहां पर आग से निपटने के लिए क्या-क्या इंतजामात होंगे, इस संदर्भ में अग्निशमन विभाग प्रशासनिक अधिकारियों के साथ जल्द बैठक करेगा। इस बैठक में यह भी तय होगा कि दून जिले में किन स्थानों पर पटाखों की बिक्री करी जाएगी, लिहाजा उसी के अनुसार दमकल के वाहनों को अलर्ट मोड पर तैयार रखा जाएगा। हालांकि, मुख्य तौर पर विभाग द्वारा दिवाली के आसपास फायर टेंडर आठ स्थानों पर तैनात रहेंगे, जिनमें धर्मपुर, पटेलनगर, दिलराम चौक, सहस्रधारा क्रॉसिंग, घंटाघर, कोतवाली और प्रेमनगर यह स्थान शामिल हैं।    

दून शहर में 81 हाइड्रेंट दुरुस्त, जांच पूरी

    देहरादून शहर में अंग्रेजो के शासनकाल की हाइड्रेंट व्यवस्था अभी भी कारगर है, जिसका अधिक विस्तार करने का कार्य भी अग्निशमन विभाग कर रहा है। यूं तो शहर में सड़कों के विस्तारीकरण और नव-निर्मान के चलते अग्रेंजों के समय की हाइड्रेंट व्यवस्था अब खत्म होने की कगार पर है, लेकिन विभाग इसी समस्या के निपटान के लिए इस व्यवस्था के तहत नई इमारतों और विभिन्न जगहों पर वाटर हाइड्रेंट लगा रहा है। आपको बताते चलें कि बीते वर्ष तक जिले में 67 हाइड्रेंट थे, जो एक साल में 14 और बढ़े हैं। अग्निशमन अधिकारी अभिनव त्यागी ने बताया कि मौजूदा समय में जिले में 81 हाइड्रेंट दुरुस्त हालत में हैं और ये सभी ओवरहेड वाटर टैंकों से जुड़े हैं। जिनकी जांच पूरी हाल में ही विभागीय टीमों ने की है, वहीं दून शहर में 22 से अधिक ओवरहेड टैंकों से पानी भरने की व्यवस्था है। इसके लिए विभाग जल्द ही जल संस्थान को पत्र लिखकर व्यवस्थाएं दुरुस्त करने का अनुरोध करेगा।
लेखक- शुभम तिवारी (HNN24X7)

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