उत्तराखंड राज्य कोहीनूर की खान बनने की ओर अग्रसर है, समय-समय पर राज्य के वीर सपूतों, खिलाड़ियों और सेवारत रहते हुए सेवाधिकारियों ने सिर्फ राज्य स्तर पर ही नहीं बल्कि राष्ट्र स्तर पर प्रदेश का नाम ऊंचा किया है। उत्तराखंड इस बार के 38वें राष्ट्रीय खेलों का भी मेजबान बना हुआ है, लिहाजा अपने 1,012 खिलाड़ियों के साथ प्रतिस्पर्धाओं में भाग लेकर उत्तराखंड ने अबतक 9 पदक भी अपनी झोली में डाले हैं। इन सभी घटनाओं के बीच उत्तराखंड के एक और सपूत ने राज्य का गौरव और राष्ट्रीय स्तर पर सम्मान फिर बढ़ाया है, उत्तराखंड के गिरीश उनियाल जो कि उत्तराखंड नर्सेज सर्विसेज एसोसिएशन के प्रदेश प्रभारी, चिकित्सा स्वास्थ्य एवं परिवार कल्याण महासंघ के महासचिव और पुरानी पेंशन बहाली राष्ट्रीय आंदोलन के उपाध्यक्ष के रूप में कार्यरत हैं उन्हें वेल एजुकेशन एंड पीस काउंसलिंग” ने “डॉक्टरेट” की मानद उपाधि से सम्मानित किया है। आपको बता दें कि “वेल एजुकेशन एंड पीस काउंसिलिंग” राष्ट्रीय और अंतरराष्ट्रीय स्तर पर समाज सेवा, शैक्षिक योगदान देने वाले लोगों को सम्मानित करती है जिसने उत्तराखंड के गिरीश उनियाल को यह सम्मान मानवता के क्षेत्र में उनके अद्वितीय कार्यों के लिए न्यू दिल्ली द्वारा दिया गया है।
समाज सेवा में उत्कृष्ट कार्यों के लिए मिला सम्मान
उत्तराखंड के नर्सेज सर्विसेज एसोसिएशन के प्रदेश प्रभारी, चिकित्सा स्वास्थ्य एवं परिवार कल्याण महासंघ के महासचिव और पुरानी पेंशन बहाली राष्ट्रीय आंदोलन के उपाध्यक्ष के रूप में कार्यरत गिरीश उनियाल को यह सम्मान सम्मान चिकित्सा सेवा, नर्सिंग क्षेत्र और समाज में उनकी दीर्घकालिक सेवाओं के लिए मिला है। इन्होंने न सिर्फ नर्सिंग स्टाफ के अधिकारों की रक्षा के लिए आवाज उठाई बल्कि ग्रामीण और दूरदराज के क्षेत्रों में स्वास्थ्य सेवाओं को सुधारने में भी महत्वपूर्ण योगदान दिया है और गिरीश ने पुरानी पेंशन बहाली राष्ट्रीय आंदोलन के उपाध्यक्ष के रूप में कर्मचारियों की पेंशन बहाली के लिए कार्य किया है।