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उत्तराखंड में अवैध मदरसों पर प्रशासन की कार्रवाई जारी…100 से अधिक मदरसों में लटका ताला….उत्तराखंड में मदरसों के पीछे कौन?
उत्तराखंड में राज्य सरकार अवैध मदरसों की जड़ को खोदने में लगी है, वहीं प्रशासन का कहना है कि जांच में जब मदरसों के सरकारी कागज प्राप्त नहीं हो रहे हैं तो उन्हें तत्काल प्रभाव से सील किया जा रहा है। पिछले एक से डेढ़ महीने में उत्तराखंड में 100 से भी ज्यादा मदरसों पर ताले लटक चुके हैं।
उत्तराखंड में अवैध मदरसों पर प्रशासन की कार्रवाई जारी
उत्तराखंड में अवैध मदरसों के खिलाफ धामी सरकार का चाबुक लगातार जारी है, वहीं प्रशासन भी अवैध मदरसों की जड़ को खोदने के लिए हाथ धोकर उनके पीछे लग गया है। उत्तराखंड में मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी के निर्देशानुसार उत्तराखंड में अवैध मदरसों के खिलाफ प्रशासन की कार्रवाई लगातार जारी है। इसी क्रम में पुलिस ने उत्तराखंड के अलग-अलग स्थानों में अब तक 110 मदरसों के खिलाफ कार्रवाई करी है और इन अवैध मदरसों से सरकारी दस्तावेज प्राप्त न होने पर इनपर पूरी तरह से ताला लटका दिया है। वहीं पुलिस की कार्रवाई में बीते गुरुवार को बाजपुर 3, जसपुर 1, रुद्रपुर में 4, किच्छा में 8 और हरिद्वार में 2 मदरसों पर ताले लटका दिए हैं। इससे पहले भी पुलिस प्रशासन ने राजधानी देहरादून और पौड़ी गढ़वाल के अंतर्गत आने वाले अवैध मदरसों पर नकेल कसी थी और 92 मदरसों को ताले भी लगाए थे।अवैध मदरसों के पीछे कौन?
उत्तराखंड में धड़ल्ले से संचालित हो रहे अवैध मदरसों को लेकर मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी ने अपनी मंशा पहले ही स्पष्ट कर दी थी, मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी ने कहा कि राज्य की मूल पहचान के साथ किसी भी प्रकार की छेड़छाड़ और धर्म के नाम पर अवैध व्यापार करने वालों के खिलाफ कठोर कदम उठाए जाएंगे। इससे पहले भी राज्य सरकार ने उत्तराखंड में बिना कागजात और अनुमति के संचालित हो रहे मदरसों को चेतावनी दी थी लेकिन, अब राज्य सरकार ने प्रशासन के हाथ खोल दिए हैं और स्वतंत्र रुप से कार्रवाई करने के आदेश दिए हैं। लिहाजा अब उत्तराखंड में इसका प्रभाव देखने को मिल रहा है, जैसा कि पिछले एक महीने से प्रदेश में अवैध मदरसों के खिलाफ व्यापक स्तर पर अभियान चलाया जा रहा है। प्रशासन न सिर्फ इन मदरसों पर ताले ठोंक रहा है अपितु यह भी जांच कर रहा है कि आखिर उत्तराखंड में इतनी बड़ी संख्यां में यह अवैध मदरसों को चलाने के पीछे किसका समर्थन है और इन मदरसों में पढ़ने वाले छात्रों को किस प्रकार की शिक्षा दी जा रही थी।लेखक- शुभम तिवारी (HNN24X7)