उत्तराखंड में कैबिनेट विस्तार की हलचल तेज
उत्तराखंड की राजनीति में एक बार फिर कैबिनेट विस्तार की चर्चाएं तेज हो गई हैं। मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी 17 अक्टूबर को दिल्ली दौरे पर जाने वाले हैं, जिसके दौरान वे भारतीय जनता पार्टी के शीर्ष नेतृत्व से मुलाकात करेंगे और लंबित कैबिनेट विस्तार पर चर्चा कर सकते हैं। माना जा रहा है कि पार्टी हाईकमान जल्द ही उत्तराखंड में मंत्रीमंडल विस्तार को हरी झंडी दे सकता है। हालांकि, राजनीतिक विश्लेषकों का कहना है कि भाजपा नेतृत्व फिलहाल बिहार विधानसभा चुनाव में व्यस्त है, ऐसे में उत्तराखंड में कैबिनेट विस्तार की प्रक्रिया चुनावों के बाद ही संभव हो सकती है। सीएम धामी का यह दिल्ली दौरा प्रदेश की राजनीति के दृष्टिकोण से काफी अहम माना जा रहा है।उत्तराखंड में पांच विधायकों की खुल सकती है किस्मत
उत्तराखंड की धामी सरकार में फिलहाल पांच मंत्री पद रिक्त हैं, जिनमें से चार पद लंबे समय से खाली हैं, जबकि एक पद पूर्व संसदीय कार्य मंत्री प्रेमचंद अग्रवाल के इस्तीफे के बाद से खाली है। उनके त्यागपत्र के बाद से ही मंत्रिमंडल विस्तार की अटकलें जारी हैं। अब सियासी गलियारों में चर्चा है कि पांच विधायकों की किस्मत जल्द खुल सकती है। हालांकि, इससे पहले भी कई बार विस्तार की चर्चाएं तूल पकड़कर ठंडी पड़ चुकी हैं। पार्टी हाईकमान की ओर से अंतिम निर्णय का सभी को इंतजार है, जबकि प्रदेश में सत्ता समीकरणों को लेकर सियासी सरगर्मी बढ़ गई है।सीएम धामी के दिल्ली दौरे पर टिकी सभी की निगाहें
सूत्रों के अनुसार, भाजपा का शीर्ष नेतृत्व इस समय राष्ट्रीय अध्यक्ष के चयन और बिहार चुनाव अभियान में व्यस्त है, जिसके चलते उत्तराखंड में कैबिनेट विस्तार को अभी तक प्राथमिकता नहीं दी गई है। हालांकि, अब जब राज्य में मानसून आपदा राहत कार्य लगभग पूरे हो चुके हैं, तो उम्मीद जताई जा रही है कि पार्टी हाईकमान जल्द ही उत्तराखंड कैबिनेट विस्तार को हरी झंडी दे सकता है। मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी और प्रदेश भाजपा अध्यक्ष महेंद्र भट्ट ने नवरात्र के दौरान ही विस्तार के संकेत दिए थे, लेकिन उस वक्त कोई ठोस निर्णय नहीं हो पाया। अब राजनीतिक माहौल फिर गरम है और सबकी निगाहें मुख्यमंत्री धामी के आगामी दिल्ली दौरे पर टिकी हैं। माना जा रहा है कि 2027 विधानसभा चुनाव को ध्यान में रखते हुए पार्टी संगठन और सरकार के बीच तालमेल को सुदृढ़ करने के लिए यह कैबिनेट विस्तार रणनीतिक दृष्टि से बेहद अहम साबित हो सकता है।लेखक- शुभम तिवारी (HNN24X7)









