किर्गिस्तान के लोक कलाकारों ने छाया जादू
30वें विरासत आर्ट एंड हेरिटेज फेस्टिवल के सातवें दिन किर्गिस्तान के लोक कलाकारों ने अपनी पारंपरिक कला और संस्कृति के जरिए समां बांध दिया। यदनेश रायकर के वायलन वादन ने दर्शकों को मंत्रमुग्ध किया, जबकि ओमकार दंडारकर के सुर संगीत पर लोग देर रात तक झूमते रहे। वहीं, श्रीलंका के कलाकारों ने अपनी लोक प्रस्तुति से कार्यक्रम में चार चांद लगा दिए। यह आयोजन कला और सांस्कृतिक विरासत की गरिमा को उजागर करता है और दर्शकों के लिए यादगार अनुभव साबित हुआ।विरासत में आज: हेरिटेज क्विज से मुशायरे तक रंगारंग प्रस्तुतियां
विरासत फेस्टिवल में आज सुबह 10 बजे हेरिटेज क्विज का आयोजन होगा, जिसके बाद दोपहर एक बजे लोक थिएटर चक्रव्यूह में रंगारंग नाट्य प्रस्तुतियां होंगी। शाम सात बजे प्रभाकर दिवाकर कश्यप की प्रस्तुति दर्शकों का मन मोहेंगी, जबकि रात आठ बजे डा. एन राजम का खास वायलन वादन होगा। रात नौ बजे पद्मश्री फरहत एहसास, मदन मोहन दानिश, शाइन काफ निजाम, शकील आजमी, नुसरत मेहंदी और रश्मि सबा मुशायरे में अपनी कलात्मकता का प्रदर्शन करेंगे, जिससे कार्यक्रम एक यादगार सांस्कृतिक शाम बन जाएगा।लेखक- शुभम तिवारी (HNN24X7)









