राष्ट्रीय स्तर पर रेल बजट जारी हो चुका है जिसमें सभी राज्यों को उनकी आवश्यक्तानुसार धनराशि आवंटित करी गई है, इस कतार में उत्तराखंड भी शामिल है। हैरत की बात यह है कि इस सत्र 2025 में उत्तराखंड राज्य को 4641 करोड़ रुपये आवंटित करे गए हैं जो कि पड़ोसी राज्य हिमाचल, पंजाब, हरियाणा और दिल्ली से कहीं अधिक है। चूंकी केंद्र सरकार ऋषिकेश-कर्णप्रयाग रेल लाइन को लेकर न केवल गंभीर है बल्कि उसके द्वारा प्राप्त होने वाले लाभों को लेकर भी प्रतिबद्ध है लिहाजा राज्य के हिस्से आए बजट से सामरिक और चारधाम यात्रा के महत्व वाली 125 किलोमीटर लंबी ऋषिकेश-कर्णप्रयाग रेल लाइन का निर्माण और तेजी गति से करने में मदद मिलेगी, इसके साथ ही राज्य के 11 स्टेशनों को अमृत स्टेशन बनाने को लेकर भी राज्य सरकार को धन की चिंता नहीं सताएगी।
रेल मंत्री ने वर्चुअली किया संबोधित
बीते सोमवार को भारतीय रेल मंत्री अश्विनी वैष्णव ने वर्चुअली माध्यम से पत्रकारों को संबोधित किया। बातचीत में रेल मंत्री ने कहा कि उत्तराखंड राज्य को वर्ष 2009 से 2014 के बीच कुल 187 करोड़ रुपये का रेल बजट जारी किया गया था लेकिन अगर वर्ष 2025 के रेल बजट को देखें तो यह पूर्व से 25 गुना अधिक रेल बजट है। रेल मंत्री आगे कहते हैं कि केंद्र सरकार ऋषिकेश-कर्णप्रयाग रेल लाइन को लेकर गंभीर है, इससे न सिर्फ सामरिक महत्व की पूर्ति होगी बल्कि चारधाम यात्रा को भी गति मिलेगी। ऋषिकेश-कर्णप्रयाग रेल लाइन का कुल खर्च 24 हजार 659 करोड़ रुपये है लिहाजा सरकार ने इस मेगा परियोजना को पूरा करने का लक्ष्य वर्ष 2026 तय किया है जिसका वर्तमान तक 49 प्रतिशत से अधिक कार्य पूरा किया जा चुका है।
कवच प्रणाली पर होगा काम
राज्य के 11 रेलवे स्टेशनों को अमृत स्टेशन परियोजना के तहत परिवर्तित किया जा रहा है, लिहाजा इसके लिए भी 147 करोड़ रुपये आवंटित किए गए हैं। वहीं रेलवे में सुरक्षा की दृष्टि से कवच प्रणाली से उत्तराखंड को भी जोड़ा गया है, जिसके लिए उत्तराखंड के 49 रुट किलोमीटर के लिए कवच प्रणाली की संस्तुति की गई है।
उत्तराखंड रेल परिवहन को मिलेगा नया आयाम
रेल मंत्री अश्विनी वैष्णव ने कहा कि उत्तराखंड राज्य में रेल परिवहन को नए आयाम दिलाने के लिए राज्य व केंद्र सरकार गंभीर है, वहीं उन्होने पत्रकारों से बातचीत करते हुए बताया कि इसके लिए उत्तराखंड को 2.52 लाख करोड़ रुपये आवंटित किए गए हैं और राज्य में और 17,500 सामान्य कोच, 200 वंदे भारत और 100 अमृत भारत ट्रेनों के निर्माण जैसी परियोजनाओं को मंजूरी दी गई है।