उत्तराखंड में UCC की जटिलता ने ली दस्तावेज लेखक की जान
उत्तराखंड में UCC कानून को लागू हुए अभी एक माह भी नहीं बीता है कि उस पर सवालों का उठना शुरु हो चुका है। UCC के तहत राज्य में अब तक काफी आवेदन भी आ चुके हैं जिनमें से कई पंजीकरणों को स्वीकृति भी दी जा चुकी है लेकिन इन सभी के बीच राज्य में एक ऐसी घटना सामने आई जिसने शासन और प्रशासन दोनों की नींदे उड़ा दी हैं। दरअसल राज्य में UCC कानून को एक नियमावली के तहत लागू किया गया है, जिसके अंतर्गत सभी पंजीकरणों को मंजूरी भी मिलना है लेकिन बीते सोमवार को सितारगंज के उप निबंधक कार्यालय में दस्तावेज लेखक और अधिवक्ताओं ने धरना दिया और शासन के UCC कानून पर आरोप लगाते हुए कहा कि UCC कानून में जटिलता के सदमे से एक दस्तावेज लेखक की मौत हो गई। चूंकी UCC में विवाह पंजीकरण और वसीयत प्रक्रिया को अत्यंत जटिल कर दिया है, लिहाजा इससे आमजन को परेशानी हो रही है। वहीं राकेश कुमार की मृत्यु पर अधिवक्ताओं और दस्तावेज लेखकों ने बयान देते हुए कहा कि UCC कानून में वसीयतनामा और विवाह पंजीकरण की सभी प्रक्रियाओं को जटिल कर इसका अधिकार कॉमन सर्विस सेंटर को दे दिया गया है, इसी बात के सदमे से दस्तावेज लेखक राकेश कुमार की आकस्मिक मृत्यु हो गई।
लेखक- शुभम तिवारी (HNN24X7)
