विवाह एक ऐसा संस्कार है जिससे दो घरों के , दो परिवारों के संबंध आपस में सुदृढ़ होते हैं, कहते हैं कि कन्या दान की गिनती महादान में करी जाती है, लेकिन क्या हो जब आपकी पुत्री का विवाह चंद पैसों के या दहेज के लालच में टूट जाए। ऐसी ही एक घटना उत्तराखंड की राजधानी देहरादून से सामने आई है जहां राजधानी देहरादून के गांव मिस्सवाला एक युवती का विवाह उधम सिंह नगर जिले के धीमरखेड़ा के निवासी एक युवक के साथ तय हुआ और कन्या की बारात आज यानी 19 फरवरी को आनी थी परंतु दहेज के न मिलने पर वर पक्ष द्वारा रिश्ता तोड़ दिया गया। जानकारी है कि वर के परिजन 12 सितंबर को युवती के घर पर अपनाने की रस्म करने भी आए थे, जिसमें कपड़े और उपहारों में तकरीबन 1.5 लाख रुपयों का खर्चा भी आया, लिहाजा दोनों परिवारों की सहमति से शादी की तारीख 19 फरवरी 2025 निर्धारित की गई थी।
विवाह से 3 दिन पहले मांगा लाखों का दहेज
वधू पक्ष ने जानकारी देते हुए बताया कि वर के परिजन जब विवाह का कार्ड लेकर उनके घर पंहुचे तो उन्होंने वधू पक्ष से दहेद की मांग करी, आरोप है कि वर पक्ष ने शादी के ठीक 3 दिन पहले दुल्हन पक्ष वालों से दहेज में घरेलू सामान, बाइक और 1 लाख रुपयों की मांग की और जब वधू पक्ष ने दहेज देने में असमर्थता प्रकट करी तो वर पक्ष ने बारात लाने से ही इनकार कर दिया।
खटखटाए प्रशासन के द्वार
दहेज की मांग पूरी न होने पर जब वर पक्ष ने बारात लाने से इनकार कर दिया तब वधू के भाई ने संबंधित मामले की शिकायत पुलिस में दर्ज करवाई, अपनी तहरीर देते हुए वधू के भाई ने बताया कि वे एक गरीब परिवार से हैं और किसी प्रकार अपनी बहन की शादी कर पा रहे हैं। वधू के भाई ने कहा कि बहन की शादी के कार्ड भी सभी जगह बांटे जा चुके हैं और शादी की तैयारियों में भी उनका बहुत खर्चा आया है और अब वर पक्ष दहेज की मांग कर रहा है। मांग पूरी न होने पर वर पक्ष ने रिश्ता तोड़ दिया है, वधू के भाई ने बताया कि उसकी अभी दो अन्य बहनें भी अविवाहित हैं । लिहाजा वधू पक्ष ने पुलिस से इस मामले में उचित कार्रवाई की मांग की है। पीड़ित की शिकायत के आधार पर पुलिस ने मुकदमा दर्ज कर मामले की जांच शुरू कर दी है।
लेखक- शुभम तिवारी (HNN24X7)
