
DEHRADUN : प्रदेश में प्रतिबंधित कप सिरप के खिलाफ सघन अभियान चलाया जा रहा है। मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी व स्वास्थ्य मंत्री डॉ. धन सिंह रावत के दिशा- निर्देश पर एफडीए ने पूरे राज्य में प्रतिबंधित व संदिग्ध कफ सिरप पर कार्रवाई की है। इसी कड़ी में प्रदेश में स्वास्थ्य सुरक्षा को लेकर एक अहम कदम उठाते हुए औषधि विभाग ने बड़ी कार्रवाई की है। विभिन्न जिलों में छापेमारी कर 63 कफ सिरप के नमूने एकत्र किए गए हैं। इन नमूनों को जांच के लिए देहरादून स्थित राज्य औषधि विश्लेषण प्रयोगशाला भेजा गया है।
नमूनों की वैज्ञानिक जांच कराई जा रही है
जानकारी के अनुसार, यह कार्रवाई हाल ही में कुछ सिरप के घटिया गुणवत्ता और स्वास्थ्य पर संभावित दुष्प्रभाव की शिकायतों के बाद की गई। विभाग की टीमें औषधि दुकानों, थोक विक्रेताओं और गोदामों पर पहुंचीं और संदिग्ध कफ सिरप के नमूने इकट्ठा किए। औषधि नियंत्रक विभाग के अधिकारियों ने बताया कि नमूनों की वैज्ञानिक जांच कराई जा रही है, और रिपोर्ट आने के बाद ही स्पष्ट होगा कि ये उत्पाद मानकों पर खरे उतरते हैं या नहीं।
बिना डॉक्टर की सलाह के कोई भी दवा न लें
यदि किसी भी कफ सिरप की गुणवत्ता में कमी या स्वास्थ्य के लिए हानिकारक तत्व पाए गए, तो संबंधित कंपनियों और विक्रेताओं के खिलाफ सख्त कार्रवाई की जाएगी। जनहित को ध्यान में रखते हुए औषधि विभाग लगातार निगरानी रखे हुए है, और लोगों से अपील की गई है कि वे बिना डॉक्टर की सलाह के कोई भी दवा न लें। खासकर बच्चों के लिए उपयोग होने वाले कफ सिरप। स्वास्थ्य विभाग ने भरोसा दिलाया है कि मरीजों की सुरक्षा से कोई समझौता नहीं किया जाएगा, और दोषी पाए जाने वालों को बख्शा नहीं जाएगा।








