बता दें कि अब किन्नौर का मटर और सेब जल्द ही ड्रोन की मदद से मुख्य सड़क तक पहुंचेगा। सेब की 20 किलो की पेटी को ड्रोन के जरिये 12 किलोमीटर दूर पहुंचाने के सफल ट्रायल के बाद अब किन्नौर जिला प्रशासन ने ड्रोन कंपनी के साथ ढुलाई की लागत का आंकलन शुरू कर दिया है। ढुलाई की दरें तय होने के बाद किन्नौर हिमाचल का पहला जिला बन जाएगा, जहां ड्रोन से फसलों की ढुलाई होगी।
किन्नौर के पहाड़ी क्षेत्रों में सब्जियों और फलों का बड़े पैमाने पर उत्पादन हो रहा है लेकिन उपज को पहाड़ी उबड़-खाबड़ रास्तों से मुख्य सड़क तक पहुंचाना चुनौतीपूर्ण रहता है।
ड्रोन के माध्यम से मटर और सेब की ढुलाई शुरू करने के लिए ड्रोन कंपनी के साथ ढुलाई की दरें तय कर रहे हैं। किसानों के लिए यह सस्ता होना चाहिए। किन्नौर में किसान पहाड़ी के शिखर पर मटर और सेब तैयार कर रहे हैं।
इलेक्ट्रानिक कॉरपोरेशन ने 6 सूचीबद्ध कंपनियों के लिए सरकारी विभागों से 10 किलो सामान के लिए प्रति किलोमीटर 55 रुपये किराया निर्धारित किया है। लेकिन किसानों-बागवानों के लिए यह किराया बहुत अधिक है।