Cyclone Montha : चक्रवात मोंथा बंगाल की खाड़ी से उठा और कई राज्यो में तबाही मचा रहा हैं। जो अब लगातार कमजोर हो रहा है। लेकिन इसका असर दक्षिण भारत से लेकर उत्तर भारत तक पड़ रहा है। आंध्र प्रदेश और तेलंगाना में भारी बारिश ने जनजीवन ठप कर दिया। ओडिशा में भी नुकसान हुआ। इसके अलावा उत्तर भारत में मध्य प्रदेश, राजस्थान, उत्तर प्रदेश और बिहार में बारिश जारी है। नेपाल में बर्फबारी और बाढ़ का खतरा मंडरा रहा है।
Cyclone Montha : आंध्र तट पर चक्रवात मोंथा की दस्तक, कई राज्यों में अलर्ट पर प्रशासन
आंध्र प्रदेश में भारी नुकसान
आंध्र प्रदेश चक्रवात का सबसे ज्यादा शिकार बना है। यहां तीन लोगों की मौत हो गई। 42 मवेशी मारे गए। करीब 1.5 लाख एकड़ में खड़ी फसलें पूरी तरह बर्बाद हो गईं। राज्य के नेल्लोर, बापतला और प्रकाशम जिले सबसे ज्यादा प्रभावित हुए। तेज हवाओं और बारिश से सड़कें टूट गईं, गड्ढे बन गए। मुख्यमंत्री एन चंद्रबाबू नायडू ने बताया कि राज्य को 5,265 करोड़ रुपये का नुकसान हुआ। इसमें सड़क-भवन विभाग को 2,079 करोड़, कृषि को 829 करोड़, मत्स्य पालन को 1,270 करोड़ का नुकसान शामिल है। जल संसाधन को 207 करोड़ और नगर प्रशासन को 109 करोड़ की चपेट में आया।

मुख्यमंत्री ने कहा कि यह शुरुआती आंकड़ा है। विस्तृत रिपोर्ट केंद्र सरकार को भेजी जाएगी। अच्छी बात ये कि राज्य के जलाशय 90% भर चुके हैं। करीब 98.5 टीएमसी पानी जमा हो गया। बापतला जिले के एक चर्च में फंसे 15 लोगों को रस्सी की मदद से बचाया गया। वीडियो में लोग कमर तक पानी में दिखे। नायडू ने बचावकर्मियों की तारीफ की।
तेलंगाना में बारिश का कहर
तेलंगाना के कई हिस्सों में तेज बारिश जारी है। सूर्या-पेट में पेड़ गिरने से बाइक सवार की मौत हो गई। खम्मम जिले में एक ट्रक ड्राइवर बह गया। वारंगल और हनमकोंडा में जलभराव से 2,000 लोगों को राहत शिविरों में शिफ्ट किया गया। वारंगल-हनमकोंडा-काजपेट त्रिशहर क्षेत्र में जनजीवन ठप हो गया। मुख्यमंत्री ए रेवंत रेड्डी ने राहत कार्य तेज करने के आदेश दिए। मुख्य सचिव और पुलिस महानिदेशक को एसडीआरएफ की टीमें और नौकाएं भेजने को कहा।

उत्तर भारत पर मोंथा का असर
चक्रवात का असर उत्तर भारत तक पहुंचा। मध्य प्रदेश, राजस्थान, उत्तर प्रदेश और बिहार में रुक-रुक कर बारिश हो रही है। यूपी के अयोध्या, लखनऊ-कानपुर समेत 15 शहरों में जमकर बारिश हुई। काशी में जलभराव हो गया। पूर्वांचल के 31 जिलों में गरज-चमक के साथ बारिश का अलर्ट है। धान और आलू की फसलें खराब होने का खतरा। तेज हवा से कटने को तैयार फसलें गिर गईं। तूफान का असर 1 नवंबर तक रहेगा।
मध्य प्रदेश के कई जिलों में हल्की से मध्यम बारिश। भोपाल, इंदौर-उज्जैन में तेज हवा चली। राजस्थान के जयपुर, अलवर, करौली में बूंदाबांदी से तापमान गिरा। ग्रामीण इलाकों में धुंध छाई। बीसलपुर बांध का दूसरा गेट खोल दिया गया। अब 24,040 क्यूसेक पानी बनास नदी में छोड़ा जा रहा। 13 जिलों में यलो अलर्ट।
बिहार के 25 जिलों में यलो अलर्ट। पटना, औरंगाबाद, बक्सर, भागलपुर में बारिश। आकाशीय बिजली का खतरा। अगले तीन दिनों तक हल्की-मध्यम बारिश से तापमान 25 डिग्री तक गिर सकता है।
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नेपाल में बाढ़ और भूस्खलन का अलर्ट
नेपाल में चक्रवात के असर से लगातार बारिश और बर्फबारी हो रही। नेपाली मौसम विभाग ने 26 जिलों में बाढ़-भूस्खलन का अलर्ट जारी किया। कोशी, मधेश और बागमती प्रांतों की नदियों में जलस्तर तेजी से बढ़ सकता है। विभाग ने लोगों से सतर्क रहने और नदी किनारे से दूर रहने की अपील की।

आंध्र प्रदेश में 11,000 कर्मचारी तैनात
आंध्र प्रदेश में बिजली आपूर्ति पर कोई असर न पड़े, इसके लिए 11,000 कर्मचारी तैनात किए गए। मुख्य सचिव के विजयानंद ने कहा कि बृहस्पतिवार तक 100% बिजली बहाल। चक्रवात में 9 (220 केवी), 4 (400 केवी) और 11 (132 केवी) सबस्टेशन प्रभावित हुए, लेकिन तुरंत ठीक कर दिए। भारी बारिश में भी कर्मचारी डटे रहे।
अरब सागर में कम दबाव का क्षेत्र
मौसम विभाग ने बताया कि पूर्व-मध्य अरब सागर में एक नया कम दबाव का क्षेत्र सक्रिय है। यह पश्चिम की ओर 13 किमी/घंटा की रफ्तार से बढ़ रहा। अगले 36 घंटे तक यही दिशा रहेगी। इससे नए मौसम बदलाव हो सकते हैं।
बचाव और आगे की तैयारी
लोग घरों में रहें, अलर्ट पर नजर रखें। सरकार राहत कार्य में जुटी है। केंद्र से मदद मांगी जा रही। किसान फसल बीमा चेक करें। जलवायु परिवर्तन से ऐसे तूफान बढ़ रहे। पेड़ लगाएं, प्लास्टिक कम करें। सुरक्षित रहें, एक-दूसरे की मदद करें।
