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सीडीएस के साथ प्राण खोने वाले सभी 11 सैनिक थे अपने क्षेत्रों मे माहिर

जेएकेआरएफ का हिस्सा थे ब्रिगेडियर लिड्डर

तमिलनाडु के कुन्नूर में बीते 8 दिसंबर को हेलीकॉप्टर हादसे में सीडीएस जनरल बिपिन रावत व उनकी पत्नी समते 11 अन्य सैन्य अफसरों ने अपने प्राण खोए हैं। इस दुर्घटना में देश बहुत आहात हुआ है। सीडीएस के साथ प्राण खोने वाले सभी अपने क्षेत्रों में महारथी थे। उन सभी वीरों के पार्थिव शरीरों को उनके घर पहुंचा दिया गया है। दुर्घटना में मरने वाले सभी लोगों के पार्थिव शरिरों को बीते दिन दिल्ली लाया गया था। प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने हवाई अड्डे पर पहुंचकर सभी को भावनापूर्ण श्रद्धांजलि दि थी। पीएम मोदी के साथ रक्षा मंत्री राजनाथ सिंह व एनएसए अजित डोभाल भी उपस्थित थे। सीडिएस के साथ प्राण खोने वालों में 1969 में जन्में ब्रिगेडियर एल.एस लिड्डर ने दिसंबर 1990 में जम्मू-कश्मीर राइफल्स (जेएकेआरएफ) में शामिल किया गया था। उन्होंने कांगों में संयुक्त राष्ट्र शांति सेना के साथ जेएकेआरएफ की एक बटालियन का नेतृत्व किया था। उनके बाद परिवार में उनकी पत्नी गीतिका व बेटी आशना है। ब्रिगेडियर का अंतिम संस्कार आज सुबह करीब 10:40 बजे दिल्ली कैंट बरार स्कवायर में किया गया।

एलओसी व एलएसी में दी थी हरजिंदर सिंह ने सेवाएं

1978 में जन्में लेफ्टिनेट कर्नल हरजिंदर सिंह भी इस हादसे का शिकार हुए। उनके परिवार में पत्नी मेजर(रिटायर्ड) एग्नेस पी मेनेजेस व बेटी प्रीत कौर हैं। लेफ्टिनेट कर्नल हरजिंदर 2001 में भारतीय सेना का हिस्सा बने थे। उन्होंने गोरखा राइफल्स रेजिमेंट में रहते हुए देश के उत्तर-पूर्व में एलएसी व जम्मू- कश्मीर में एलओसी पर भी कार्य करने के अलावा देहरादून में भारतीय सैन्य आकादमी (आईएमए) में ट्रेनर के रुप में सेवाएं दीं।

एयरफोर्स का हिस्सा थे आगरा के विंग कमांडर पृथ्वी

आगरा के निवासी विंग कमांडर पृथ्वी सिंह चौहान 2002 में एक हेलीकॉप्टर पायलट के रुप में इंडियन एयरफोर्स का हिस्सा बने थे। साथ ही राजस्थान के स्क्वाड्रऩ लीडर कुलदीप भी हेलीकॉप्टर पायलट के रुप में भारतीय वायुसेना में सेवाएं दे रहे थे। इनके साथ हादसे में केरल के रहने वाले जूनियर वारंट आधिकारी ए प्रदिप फ्लाइट गनर व जूनियर वारंट ऑफिसर आर पी दास फ्लाइट इंजीनियर के तौर पर तैनात इन अफसरों कि मृत्यु हुई।

सभी थे देश की सेना का गौरव

इस सूची में हवलदार सतपाल राय जो गोरखा राइफल्स रेजिमेंट के हिस्सा होने पर उन्होनें सियाचिन व नौशेरा जैसे इलाकों में सेवाएं दी थी। इसके अलावा नायक गुरुसेवक सिंह पैरा स्पेशल फोर्सेज में करीब से होने वाली लड़ाई लड़ने का माहिर मानते थे। इसके साथ ही पैरा स्पेशल फोर्स का हिस्सा लांस नायक बी साई तेजा  मिश्रित मार्शल आर्ट और इलेक्ट्रॉनिक युद्ध विशेषज्ञ थे। वहीं पैरा स्पेशल फोर्स का हिस्सा लांस नायक जितेंद्र कुमार ने एक विशेषज्ञ स्नाइपर होने के साथ एलएसी पर भी अपनी सेवाएं दी थीं। लांस नायक विवेक कुमार भी पैरा स्पेशल फोर्सेज का हिस्सा थे।  इन सभी वीरों कि आत्मा कि शांति के लिए आज पूरा देश प्राथना कर रहा है। अंजली सजवाण  

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