प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी ने एक बार फिर देश को संबोधित किया व कोरोना के चलते मोदी ने 11वीं बार राष्ट्र को संबोधित किया और अपने भाषण की शुरुआत गुरुनानक देव की जयंती के साथ की। सबसे पहले प्रधानमंत्री ने समस्त देशवासियों को दीपावली की बधाई दी, और फिर एक बड़े ऐलान को करते हुए कहा कि कृषि में सुधार लाने के लिए तीन कानूनों को लाया गया था। लेकिन कुछ किसान संगठनों ने इन कानूनों का विरोध किया, व इस पवित्र बात को हम कुछ भाइयों को समझा नहीं पाए। तो ऐसे में तीनों कृषि कानूनों को वापस लेने का फैसला किया गया है।
प्रधानमंत्री ने अपने सरल शब्दों में कहा कि हमारी तपस्या में शायद कोई कमी रह गई थी, जिसके कारण मैं अपने किसान भाइयों को समझ नहीं पाया। इन तीनों नए कानूनों को लेकर जो विरोध किया जा रहा है। उसे देखते हुए मैं आंदोलन कर रहे किसानों से आग्रह करता हूं कि वे अपने-अपने घर वापस लौट जाए व साथ ही साथ तीनों कृषि कानूनों को वापस लेने का फैसला करता हूं। पीएम ने कहा कि महीने के अंत में संसद सत्र शुरु हो रहा है, तो उसमें ही तीनों कानूनों को वापस ले लिया जाएगा। साथ ही कहा कि मैं जो भी कर रहा हूं अपने देश व देशवासियों के लिए कर रहा हूं।
प्रधानमंत्री ने किसानों की सारी परेशानियों को विस्तारपूर्वक सुन उन पर चर्चा की और कहा कि किसानों की परेशानियों को नजदीक से देख रहा हूं। कृषि कल्याण को सर्वोच्च प्राथमिकता देते हुए किसानों की चुनौतियों को कम करने के लिए कहा। मोदी ने कहा कि आज देश के सपनों को पूर्ण होते हुए देख रहा हूं। राष्ट्र में 100 में से 80 किसान छोटे हैं व 80 फीसदी किसानों के पास 2 हेक्टेयर से कम जमीन है और उनकी संख्या 10 करोड़ से भी ज्यादा है।
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प्रभावी बनीं फसल बीमा योजना
मोदी द्वारा कहा गया कि फसल बीमा योजना को प्रभावी बनाया गया है, और छोटे किसानों को इसका फायदा मिल रहा है, साथ ही किसानों को प्राथमिकता दी। 22 करोड़ किसानों को स्वॉयल हेल्थ कार्ड प्रदान किए गए है,और किसान हित के लिए सारे पुराने कानूनों को समाप्त कर दिया गया है। साथ ही मोदी ने कहा कि छोटे किसानों को मजबूती देने के लिए सरकार हर संभव प्रयास करेगी।
सिमरन बिंजोला