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बड़ी ख़बर: इस विभाग में विशेष सचिव पदनाम पर सचिवालय संघ की आपत्ति, उठाई बड़ी मांग

Big news: Secretariat union's objection on the designation of special secretary in this department, raised a big demand

Big news: Secretariat union’s objection on the designation of special secretary in this department, raised a big demand देहरादून : गृह विभाग में विशेष सचिव पदनाम पर सचिवालय संघ की आपत्ति, राज्य सचिवालय में व्यक्ति विशेष अधिकारी को व्यवस्थाओं से हटकर दिये गये पदनाम को निरस्त करने की मांग, सचिवालय सेवा के अपर सचिव पदनाम को भी विशेष सचिव किया जाय: दीपक जोशी राज्य सचिवालय के गृह विभाग में तैनात किये गये आई0पी0एस0 अधिकारी को विशेष सचिव पदनाम देकर की गयी तैनाती को लेकर आज सचिवालय संघ द्वारा मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी जी से मुलाकात की गयी तथा कुछ अन्य महत्वपूर्ण मुद्दों को लेकर मुख्यमंत्री के समक्ष अपनी नाराजगी व्यक्त की गयी। मुख्यमंत्री से मुलाकात के दौरान अपर मुख्य सचिव राधा रतुड़ी द्वारा विगत दिनों सार्वजनिक रूप से बैठकों में सचिवालय सेवा के वरिष्ठ अधिकारियों के प्रति की गयी टिका-टिप्पणी, द्वेषभावना से सचिवालय सेवा के प्रति किये गये उपहास तथा समय-समय पर सचिवालय सेवा को निशाना बनाये जाने की शिकायत करते हुये ऐसे अधिकारियों की कार्यप्रणाली पर अंकुश लगाये जाने का अनुरोध किया गया। साथ ही अनुरोध किया गया है कि इस तरह के नाकारात्मक अधिकारियों की बैठकों में सचिवालय सेवा के अधिकारियों को न बुलाया जाय। सचिवालय संघ की ओर से अवगत कराया गया है कि राज्य सचिवालय में राज्य गठन से ही अपर सचिव पदनाम स्थापित किये गये हैं, जबकि उ0प्र0 सचिवालय में यही पदनाम विशेष सचिव के रूप में रहा था। राज्य सचिवालय में भारतीय प्रशासनिक सेवा, प्रान्तीय सिविल सेवा, वित्त सेवा एवं अन्य सेवाओं के साथ-साथ सचिवालय मूल संवर्ग हेतु भी अपर सचिव पदनाम से ही पद चिन्हित/स्वीकृत हैं, जिन पर सचिवालय सेवा के वरिष्ठतम अधिकारी कार्यरत हैं। एकाएक अभी हाल के दिनों में देखने को मिला है कि कुछ बाहरी सेवा सवंर्ग (भारतीय पुलिस सेवा) हेतु विशेषकर कुछ नये पद सचिवालय स्तर पर सृजित/उपयोग में लाये गये हैं, जिसमें विषेश प्रमुख सचिव के साथ-साथ विशेष सचिव, गृह का पद भी सम्मिलित हैं। उक्त पदों में भारतीय पुलिस सेवा के अधिकारियों की तैनाती किये जाने से सचिवालय सेवा संवर्ग तथा सचिवालय संघ को कोई विशेष रूचि अथवा आपत्ति नही है, परन्तु सिद्धान्तः इस बात की प्रमुख आपत्ति है कि विशेष सचिव एवं अपर सचिव एक ही श्रेणी के पदनाम हैं, कुछ विशेष अधिकारियों को विशेष लाभ व महत्व दिये जाने के आशय से सचिवालय कार्यप्रणाली में स्थापित पदों के विपरीत इस तरह के पद राज्य सचिवालय में स्थापित कर दिये गये हैं, जिससे सचिवालय सेवा संवर्ग को इस बात से कड़ी आपत्ति है कि एक ओर सचिवालय सेवा के वरिष्ठतम अधिकारी अपर सचिव के पद पर अपनी सेवायें दे रहे हैं, जिन्हे सम्बन्धित विभाग में विशेष सचिव के समकक्षीय पदधारकों के अधीन कार्य करने हेतु कार्य बटवारा भी किया गया है, जो किसी भी दशा में स्वीकार योग्य नहीं है। राज्य सचिवालय में स्थापित पदनामों से इतर किसी अधिकारी विशेष के लिये इस तरह के पद चिन्हित किया जाना व्यवहारिक व स्वच्छ कार्यप्रणाली के अनुकूल नहीं है। संघ के अध्यक्ष  दीपक जोशी द्वारा बताया गया है कि सचिवालय में विशेष सचिव के पदनाम को ही उ0प्र0 सचिवालय से अलग अपर सचिव पदनाम के रूप मेें रखा गया था, इसी आधार पर यह व्यवस्थायें अब तक चली आ रही थी, परन्तु गृह विभाग में कतिपय वरिष्ठ अधिकारीगणों को एडजस्ट किये जाने के आशय से इस तरह के पद व्यक्ति विशेष के लिये चिन्हित किये गये हैं, जिसका सचिवालय संघ प्रबल विरोध करता है। मुख्यमंत्री से यह मांग की गयी कि भारतीय पुलिस सेवा या अन्य किसी भी सेवा हेतु विशेष सचिव का ही क्यों, सचिव/प्रमुख सचिव/अपर मुख्य सचिव आदि पद सृजित/चिन्हित किये जायें तथा ऐसे वरिष्ठ अधिकारियों को उनके अनुभव व कौशलता के आधार पर उच्च पदों पर आसीन किया जाय। सचिवालय सेवा का कोई भी अपर सचिव अपने पद के समकक्षीय विशेष सचिव पदनाम के अधिकारी के अधीन कार्य करने हेतु सचिवालयीय कार्य प्रक्रिया के अन्तर्गत उपयुक्त नहीं हो सकता है। प्रकरण में गृह विभाग में चिन्हित किये गये विशेष सचिव पदनाम को समाप्त कर पूर्व की भांति अपर सचिव पदनाम किया जाय, अन्यथा सचिवालय सेवा के अपर सचिव पदधारकों का पदनाम परिवर्तित कर विशेष सचिव पदनाम करते हुये सचिवालय में एक समान पदनाम स्थापित किये जाने की कार्यवाही की जाय। संघ के अध्यक्ष व महासचिव द्वारा की गयी मांग के अनुरूप सचिवालय सेवा के वरिष्ठतम अपर सचिव किसी भी दशा में अपने समकक्षीय पदधारक विशेष सचिव के अधीन कार्य करने हेतु किसी भी रूप से बाध्य नहीं होंगे तथा ऐसी स्थिति में सचिवालय सेवा का कोई भी अपर सचिव इस रूप में शासकीय कार्यों का निर्वहन करने में सक्षम नहीं होगा।_दीपक जोशी अध्यक्ष, सचिवालय संघ जल्द ही सचिवालय सेवा के वरिष्ठ अधिकारियों के साथ आपसी बैठक व मंत्रणा कर वर्तमान परिस्थितियों में सचिवालय संघ की ओर से कड़ा निर्णय लिया जाएगा तथा जब तक सभी मामलों का पटाक्षेप नहीं हो जाता तब तक सचिवालय संघ द्वारा इन सभी मामलों को प्रमुखता के साथ लड़ा जाएगा

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