उत्तराखंड में विधानसभा चुनाव के मद्देनजर तमाम पार्टियों द्वारा 2022 के चुनावी दौरे के लिए तैयारियों की मजबूत पकड़ बनाई जा रही है। हर एक पार्टी नेता इस समय चुनावी शंखनाद के लिए रणनीति बनाकर मैदान में उतर रहे है, इसी के तहत भाजपा पार्टी ने भी अपनी रणनीति बनाकर उसे जमीन पर उतारने की कसरत शुरु कर दी है।
भाजपा ने ग्रामीण क्षेत्रों में अपनी राजनीति को मजबूती प्रदान करने के लिए अब ग्राम प्रधानों, पूर्व प्रधानों व पिछले चुनाव में प्रधान पद से हार चुके प्रत्याशियों पर नजर रखी है, साथ ही पार्टी का लक्ष्य प्रदेश में कार्यरत स्वयं सहायता समूहों के सदस्यों तक पहुंचना भी है।
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ग्रामीण क्षेत्र में अपनी मजबूती बनाने के लिए बीजेपी ने विधानसभा क्षेत्रों में बूथ स्तर पर तैनात हुए कार्यकर्ताओं को मोर्चे पर उतार दिया है। उत्तराखंड में ग्राम पंचायतों की वर्तमान में 7791 तक संख्या है, मतलब 7791 ही ग्राम प्रधान भी ग्राम पंचायत में है, वहीं पिछले पंचायती चुनाव में प्रधानपद पर पराजित हुए प्रत्याशियों की भी ठीक-ठाक तादाद है। जिसे देख भाजपा पार्टी ने अब चुनावी रणनीति ग्रामीण आधार पर करने की ठानी है, इस दिशा में पार्टी नेताओं से लेकर कार्यकर्ताओं तक सभी संपर्क साधने में लगे हुए है।
सिमरन बिंजोला