Dehradun: Former registrar’s degree in disputes. order to cancel
देहरादून। विवादित रहे आयुर्वेद विवि के पूर्व कुलसचिव डॉ राजेश कुमार अधाना एक नये विवाद में फंस गए हैं। गढ़वाल विवि के कुलसचिव ने हरिद्वार के ऋषिकुल आयुर्वेदिक कालेज के प्राचार्य को पत्र लिख डॉ राजेश कुमार की बीएएमएस व पीजी डिप्लोमा इन योगा की डिग्री निरस्त करने को कहा है।
साथ ही राजकीय कोषागार से दो-दो स्थानों से एक साथ एक संविदा डॉक्टर पद का वेतन व एक एम०डी० छात्र के रूप में छात्र वेतन प्राप्त कर राजकोष का गबन करने का भी प्रकरण सामने आया है।
राजेश कुमार ने नियमों के विपरीत एक ही साल 1999 में यह दोनों डिग्रियां संस्थागत छात्र के रूप में हासिल की है। यह दोनों डिग्री कानपुर विवि व गढ़वाल विवि से प्राप्त की है।
साथ ही वर्ष 2005 में नौकरी में कार्यरत रहते हुये ऋषिकुल राजकीय आयुर्वेदिक कॉलेज हरिद्वार (एच०एन०बी० गढ़वाल केन्द्रीय विश्वविद्यालय श्रीनगर ) से एमडी आयुर्वेद (अनुक्रमांक 642195 नामांकन संख्या 03623065 वर्ष 2005) में नियमित संस्थागत (Regular Student) के रूप मे पंजीकरण कराकर उपाधि प्राप्त करना पूर्णतः अविधिक था।
इस दौरान इनके द्वारा राज्य कोषागार से दो-दो स्थानों से एक साथ एक संविदा डॉक्टर पद का वेतन व एक एम०डी० छात्र के रूप में छात्र वेतन प्राप्त कर राजकोष का गबन किया है।
पूर्व में भी अक्सर विवादों में घिरे रहे डॉ राजेश कुमार के आयुर्वेद विवि में अटैचमेंट खत्म करने और मूल तैनाती में कार्यभार ग्रहण करने सम्बन्धी मामला भी काफी सुर्खियों में रह चुका है।