
dehradun news : 15 सितंबर की रात दून घाटी में आई भीषण आपदा ने कई परिवारों की खुशियां छीन लीं। खास तौर पर रायपुर ब्लॉक के मजाड़ा गांव में तबाही का मंजर आज भी लोगों की आंखों के सामने ताज़ा है। इस आपदा में कई घर मलबे में तब्दील हो गए , जबकि कुछ परिवारों ने अपने परिजनों को हमेशा के लिए खो दिया। आपदा के एक महीने से ज्यादा बीत जाने के बाद भी गांव का माहौल अब तक सामान्य नहीं हो पाया है। दीपावली जैसे बड़े त्योहार को लेकर इस बार गांव में सन्नाटा पसरा है। जिन घरों में कभी दीये जलते थे, वहां अब शोक की लहर है। ग्रामीणों ने सामूहिक रूप से निर्णय लिया है कि इस वर्ष गांव में दीवाली का उत्सव नहीं मनाया जाएगा।
मजाड़ा गांव के लोगों के लिए इस बार की दीवाली सिर्फ तारीख बनकर रह गई
तो वहीं गांव की एक बुजुर्ग कहती हैं, कि “हमारे कई पड़ोसी अब हमारे बीच नहीं हैं। ऐसे में खुशियां कैसे मनाएं? इस बार दीवाली नहीं, सिर्फ उनकी यादें ही हमारे घरों में जलेंगी। इस बीच प्रशासन ने आपदा प्रभावित परिवारों को राहत राशि और अस्थायी आवास की सुविधा देने का दावा किया है, लेकिन ग्रामीणों का कहना है कि नुकसान इतना बड़ा है कि उसे भरने में वक्त लगेगा। मजाड़ा गांव के लोगों के लिए इस बार की दीवाली सिर्फ एक तारीख बनकर रह गई।
सिमरन बिंजोला








