उत्तराखंड में विधानसभा चुनाव को लेकर नैनीताल हाईकोर्ट ने चुनाव स्थगित किए जाने को लेकर जनहित में जारी की गई याचिका पर आज सुनवाई की, दरअसल अधिवक्ता शिव भट्ट और विचाराधीन सच्चिदानंद डबराल व अन्य जनहित विचाराधीन लोगों ने कोर्ट में याचिका दर्ज की थी कि सभी राजनीतिक पार्टियों द्वारा कोरोना नियमों के विपरीत रैलियां की जा रही है जो कि सभी के लिए घातक साबित हो सकती है।
इसको लेकर सच्चिदानंद सहित तमाम लोगों ने कोर्ट में प्रार्थना पत्र भेजा जिसमें लिखा था कि सियासी रैलियों में कोरोना संक्रमण फैलने की पूरी आशंका है, साथ ही तमाम पार्टियों द्वारा कोरोना नियमों का पूरी तरह से उल्लंघन किया जा रहा है, इस पर रोक लगाए जाने की सख्त आवश्यकता है।
कोरोना के नए वैरिएंट की बात करते हुए याचिका में कहा कि कोरोना के अन्य वैरिएंट के मुताबिक रैलियों के जरिए 300 प्रतिशत की तेजी से कोविड फैल रहा है, लोगों के जीवन की रक्षा के लिए रैलियों व जनसभाओं को रोकना बहुत जरुरी है, साथ ही याचिका में सभी राजनीतिक पार्टियों को रैलियों को छोटे रुप में करने की मांग की गई है।
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विधानसभा चुनाव को स्थगित करने की मांग भी प्रार्थना पत्र में की गई है, इसी दृष्टि से आज हाईकोर्ट ने जनहित याचिका को लेकर सुनवाई की, जिसमें हाईकोर्ट द्वारा भारत निर्वाचन आयोग से प्रश्न किए गए है कि क्या उत्तराखंड में छोटी रैलियां संभव है? क्या ऑनलाइन चुनाव कराए जा सकते है? इन प्रश्नों के साथ कोर्ट की अगली सुनवाई 12 जनवरी की गई है। 12 जनवरी को भारत निर्वाचन आयोग से इनके उत्तर मांगे गए है, और पूर्ण रुप से सुनवाई भी कहीं गई है।
सिमरन बिंजोला