अलकनंदा नदी किनारे यात्रियों और पर्यटकों के लिये बनाये गये घाट खण्डहर में तब्दील हो चुके हैं और घाटों में नदी का मलबा भरा हुआ है। यात्रियों के अलावा स्थानीय लोगों को भी इन घाटों का कोई लाभ नहीं मिल पा रहा है। बरसाती सीजन गुजरने के छह माह बाद भी इन घाटों की सफाई नहीं हो पाई है। रुद्रप्रयाग उत्तराखण्ड की चारधाम यात्रा का मुख्य पड़ाव है।
इसके अलावा रुद्रप्रयाग में केदारनाथ से आने वाली मंदाकिनी और बद्रीनाथ से आने वाली अलकनंदा नदियों का भी संगम होता है। रुद्रप्रयाग शहर अकलनंदा नदी किनारे बसा हुआ है। नदी को भव्यता देने और देश-विदेश से पहुंचने वाले यात्रियों को सुविधा देने के उददेश्य से कुछ वर्ष पूर्व अलकनंदा नदी किनारे घाटों का निर्माण किया था। लेकिन कुछ ही वर्षों में यह घाट खण्डहर में तब्दील हो चुके हैं। प्रत्येक वर्ष बरसाती सीजन में नदी किनारे स्थित घाटों में मलबा जम जाता है और घाट क्षतिग्रस्त हो जाते हैं। पिछले वर्षों तक घाटों की सफाई की जाती थी, लेकिन इस बार घाटों की सफाई नहीं हो पाई है।
आगामी तीन मई से चारधाम यात्रा शुरू हो रही है। लाखों की संख्या में पर्यटक रुद्रप्रयाग पहुंचकर इन घाटों का रूख करेंगे, लेकिन घाटों की स्थिति बदहाल बनी हुई है। इन घाटों की ओर कोई जाना भी पसंद नहीं कर रह रहा है। पिछले वर्षों तक घाटों की सफाई होने पर हजारों पर्यटक घाटों की ओर जाते थे, लेकिन इस बार घाटों की अभी तक सफाई नहीं हो पाई है। जबकि बरसाती सीजन गुजरे हुये छह माह का समय हो चुका है।
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नगरपालिका के सभासद सुरेन्द्र सिंह ने कहा कि आगामी यात्रा सीजन को देखते हुये नगरपालिका को घाटों की सफाई करने के लिये कहा गया है। बरसाती सीजन में घाटों में मलबा भर गया था। उन्होंने कहा कि यात्रियों और स्थानीय जनता की सुविधा को देखते हुये शीघ्र ही घाटों से मलबा साफ किया जायेगा।