होली और बदलते मौसम के बाद मरीजों की संख्या में इजाफा हो गया है। तीन दिन के अवकाश के बाद जिला अस्पताल की ओपीडी खुली तो जांच कराने के लिए लोगों की भीड़ उमड़ पड़ी। अस्पताल में जांच कराने के लिए 600 से अधिक मरीज पहुंच गए। एक ओर पर्ची काउंटर पर मरीजों की लाइन लगी रही तो दूसरी ओर डॉक्टरों के कक्ष में जांच कराने के लिए भी लोगों को लंबा इंतजार करना पड़ा।
होली त्योहार के बाद आज जिला अस्पताल में सुबह से मरीजों की भीड़ लगनी शुरु हो गई थी। दोपहर 12 बजे तक ही ओपीडी 500 तक पहुंच गई, लेकिन पर्ची काउंटर पर भीड़ कम नहीं हुई। अस्पताल के सभी डॉक्टरों के कमरों में मरीजों का तांता लगा रहा। कोई जुकाम-बुखार की शिकायत को लेकर अस्पताल पहुंचा था, तो पेट दर्द की परेशानी से जूझ रहा था। लोगों में अपनी जांच करवाने की जल्दी थी, लेकिन अस्पताल में लगी भीड़ मरीजों का इंतजार बढ़ा रही थी। ओपीडी के संचालन तक सभी डॉक्टर मरीजों की जांच में जुटे रहे।
आज जिला अस्पताल में 625 लोगों ने अपनी स्वास्थ्य जांच कराई, जो पिछले सप्ताह में सर्वाधिक रही। जिला अस्पताल की जानकारी के अनुसार विगत 14 मार्च को 382 लोगों ने जांच कराई थी। 15 मार्च को 306, 16 मार्च को 242 और 17 मार्च को महज 82 की ओपीडी हुई थी। 18 से 20 मार्च तक राजपत्रित अवकाश रहने से ओपीडी बंद रही थी।
वही जिला अस्पताल के फिजिशियन डॉ चंद्रमोहन भैसोड़ा ने बताया कि होली के दौरान खानपान प्रभावित होने और मौसम में बदलाव होने से अचानक मरीजों की संख्या बढ़ी है। अस्पताल में डायरिया, वायरल फीवर के मरीज बढ़े हैं। इसके अलावा शुगर, बीपी, दमा आदि के बीमार भी जांच कराने आ रहे हैं।
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मरीजों को उपचार के साथ सावधानी बरतने, पानी उबालकर पीने, हल्का भोजन करने और डॉक्टरों की सलाह पर ही दवा लेने का सुझाव दिया जा रहा है। चिकित्साधिकारी जिला अस्पताल डॉ. एजल पटेल ने कहा किहोली के बाद अधिकांश मरीज वायरल फीवर, सर्दी, जुकाम और रंगों से हुई एलर्जी के पहुंच रहे हैं। त्योहार के दौरान रंगों के प्रयोग में सावधानी नहीं रखने और अधिक समय तक गीले रहने के कारण अधिकांश लोग बीमार पड़े हैं। खानपान में लापरवाही भी बीमारी का कारण बनी है। पेट की बीमारी के मरीज भी काफी आए हैं। तीन दिन का अवकाश होने के चलते भी मरीजों की भीड़ बढ़ी है।