
Rudranath Temple : चतुर्थ केदार रुद्रनाथ मंदिर के कपाट आज सुबह विधि-विधान के साथ बंद कर दिए गए। कपाट बंद होने से पहले मंदिर परिसर में विशेष पूजा-अर्चना और विशेष अनुष्ठान किए गए। इस दौरान सैकड़ों श्रद्धालुओं ने भगवान रुद्रनाथ के दर्शन कर आशीर्वाद प्राप्त किया। कपाट बंद करने की प्रक्रिया ब्राह्मणों और बदरी-केदार मंदिर समिति के प्रतिनिधियों की मौजूदगी में पूरी की गई। इसके बाद भगवान रुद्रनाथ की चल विग्रह डोली को भव्य शोभायात्रा के रूप में गोपेश्वर स्थित शीतकालीन गद्दी स्थल के लिए रवाना किया गया। इस दौरान भक्तों ने “जय रुद्रनाथ” और “हर हर महादेव” के जयकारों के साथ भगवान की डोली को विदाई दी।
छह माह तक भगवान रुद्रनाथ की डोली गोपीनाथ मंदिर परिसर में रहेगी विराजमान
सूर्यास्त होने से पहले डोली गोपीनाथ मंदिर पहुंच जाएगी, और यहां पर भगवान को नए अनाज का भोग लगाया जाएगा। तो वहीं छह माह तक भगवान रुद्रनाथ की डोली गोपीनाथ मंदिर परिसर में विराजमान रहेगी। रुद्रनाथ मंदिर समुद्र तल से लगभग 3,600 मीटर की ऊंचाई पर स्थित है, और पंचकेदारों में चतुर्थ स्थान पर आता है। कठिन ट्रेकिंग मार्ग पर स्थित यह मंदिर हर साल हजारों श्रद्धालुओं और यात्राप्रेमियों को अपनी ओर आकर्षित करता है। मंदिर समिति ने बताया कि अगले वर्ष मई-जून में यात्रा शुरू होने पर कपाट पुनः खोले जाएंगे, तब तक भगवान की पूजा शीतकालीन गद्दी स्थल गोपेश्वर में ही की जाएगी।
सिमरन बिंजोला








