बॉर्ड एग्जाम में नकल रोकने के लिए कस ली गई कमर, अब हर बात की जिम्मेदारी आई इनके कंधे पर
बॉर्ड एग्जाम में नकल रोकने के लिए कस ली गई कमर, अब हर बात की जिम्मेदारी आई इनके कंधे पर
देहरादून : उत्तराखंड बोर्ड की हाईस्कूल व इंटरमीडिएट की परीक्षाएं 27 फरवरी से 16 मार्च के बीच होंगी। परीक्षा केंद्रों में अव्यवस्था अनुशासनहीनता एवं कानून व्यवस्था भंग करने के अंदेशे को देखते हुए मुख्य सचिव डा एसएस संधु ने दिशा- निर्देश जारी किए हैं। परीक्षा सुचारु कराने और प्रश्न पत्रों की गोपनीयता के लिए प्रत्येक सेक्टर मजिस्ट्रेट को उत्तरदायी बनाया गया है।
उत्तराखंड बोर्ड की हाईस्कूल और इंटरमीडिएट की परीक्षाओं को शांतिपूर्ण कराने और नकल रोकने को जिलों को सेक्टरों में बांटकर राजस्व अधिकारियों को सेक्टर मजिस्ट्रेट के रूप में तैनात किया जाएगा। एक सेक्टर में 10 से 12 परीक्षा केंद्र सम्मिलित किए जाएंगे।
परीक्षा सुचारु कराने और प्रश्न पत्रों की गोपनीयता के लिए प्रत्येक सेक्टर मजिस्ट्रेट को उत्तरदायी बनाया गया है। मुख्य सचिव डा एसएस संधु ने इस संबंध में सभी जिलाधिकारियों के साथ ही गढ़वाल व कुमाऊं के मंडलायुक्तों को भी आदेश जारी किए।
उत्तराखंड बोर्ड की हाईस्कूल व इंटरमीडिएट की परीक्षाएं 27 फरवरी से 16 मार्च के बीच होंगी। 2.10 लाख से अधिक परीक्षार्थियों के लिए 1228 परीक्षा केंद्र बनाए गए हैं। परीक्षा केंद्रों में अव्यवस्था, अनुशासनहीनता एवं कानून व्यवस्था भंग करने के अंदेशे को देखते हुए मुख्य सचिव डा एसएस संधु ने दिशा-निर्देश जारी किए हैं।
परीक्षाओं की पवित्रता बनाए रखने और नकलमुक्त परीक्षा व्यवस्था के लिए समय रहते आवश्यक व्यवस्था करने को कहा गया है। परीक्षा में अनुचित साधनों के प्रयोग, प्रश्नपत्र की गोपनीयता भंग करने और हिंसक कृत्य जैसे अपराधों के विरुद्ध कड़ी एवं प्रभावी कार्यवाही सुनिश्चित करने के निर्देश दिए गए हैं।
मुख्य सचिव ने प्रत्येक जिले में बोर्ड की वर्ष 2024 की परीक्षाएं कराने के लिए परीक्षा केंद्रों को संख्या के आधार पर सेक्टर में विभाजित करने को कहा है। प्रत्येक सेक्टर में परगनाधिकारियों, सिटी मजिस्ट्रेट, डिप्टी कलेक्टर या अन्य समकक्ष अधिकारियों को सेक्टर मजिस्ट्रेट बनाया जाएगा।
परीक्षा केंद्रों पर केंद्र व्यवस्थापकों एवं कक्ष निरीक्षकों को पूर्ण सुरक्षा उपलब्ध कराने के निर्देश भी दिए गए हैं।जिलाधिकारियों को जिले के संबंधित शिक्षाधिकारियों और प्रधानाचार्यों की बैठक बुलाकर स्थिति की समीक्षा करने को कहा गया है। संवेदनशील एवं अति संवेदनशील परीक्षा केंद्रों की पहचान करने को कहा गया है।