उत्तराखंड में शिक्षा को उच्च स्तर देनें के लिए राज्य सरकार निरंतर प्रयासरत है, राज्य सरकार पहले से ही शिक्षा क्षेत्र में पारदर्शी व्यापकता को लाने के लिए काम कर रही है, लिहाजा प्रदेश में शिक्षा व्यवस्था को बेहतर करने के लिए एकबार फिर कुछ बड़े कदम उठाए गए हैं। राज्य उच्च शिक्षा परिषद के अध्यक्ष एवं उच्च शिक्षा मंत्री डॉ. धन सिंह रावत की अध्यक्षता में सचिवालय स्थित मुख्य सचिव सभागार में उच्च शिक्षा परिषद की 12वीं बैठक आयोजित की गई, जिसमें शिक्षा से संबंधित कई महत्वपूर्ण निर्णय लिए गए। बैठक में चर्चा के विषयों में एक विषय युवाओं को शोध और रोजगारपरक उच्च शिक्षा प्रदान करने का भी रहा, जिसको लेकर शिक्षा मंत्री ने बताया कि युवाओं को रोजगार से जोड़ने के लिए विश्वविद्यालयों में उद्यमिता विकास को पाठ्यक्रम का अनिवार्य हिस्सा बनाया जाएगा। उन्होंने आगे कहा कि राज्य में उद्योग की आवश्यकताओं के अनुसार पाठ्यक्रमों का विकास किया जाएगा। इसके साथ ही एकेडमी-इंडस्ट्री लिंकेज को भी मजबूत किया जाएगा।
उत्तराखंड के तीन जिलो को मिलेंगे विश्वविद्यालय
उच्च शिक्षा मंत्री डॉ. धन सिंह रावत ने जानकारी साझा करते हुए कहा कि वन स्टेट वन सब्सक्रिप्शन योजना के अंतर्गत प्रदेश के सभी शैक्षणिक संस्थानों में ई-बुक की सुविधाएं उपलब्ध कराई जाएंगी, इससे न सिर्फ सभी छात्रों, शोधार्थियों को लाभ मिलेगा बल्कि इससे शिक्षक भी लाभान्वित होंगे। चूंकि भारत सरकार का 2047 तक विकसित भारत बनाने का सपना है लिहाजा परिकल्पना के तहत सभी महाविद्यालयों और विश्वविद्यालयों में सेमिनारों का आयोजन किया जाएगा जिसमें छात्रों की भागीदारी भी अनिवार्य होगी। तो वहीं उच्च शिक्षा मंत्री डॉ. धन सिंह रावत ने केन्द्र सरकार के द्वारा पोषित योजना पीएम-उषा की समीक्षा करते हुए कहा कि राज्य के पिथौरागढ़, श्रीनगर गढ़वाल और राजधानी देहरादून के बालावाला में एक-एक नए महाविद्यालय स्थापित किए जाएँगे। इसके साथ ही उन्होंने विभागीय अधिकारियों को तीन महाविद्यालय खोलने का प्रस्ताव भारत सरकार को भेजने के निर्देश भी दिये।