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उत्तराखंड में धामी सरकार के तीन साल पूरे, मुख्यमंत्री धामी ने साझा किया रोड़मैप….बोले- जनहित में पार्टी ने लिए साहसिक निर्णय
प्रदेश में धामी सरकार को 3 वर्ष पूरे हो चुके हैं। इस उपलक्ष्य में भाजपा सरकार की तीन वर्ष की उपलब्धियों को लेकर जनता के बीच में जा रही है। इसी क्रम में आज सूबे के मुखिया पुष्कर सिंह धामी ने आज सरकार के तीन वर्ष पूर्ण होने पर प्रेस कॉन्फ्रेंस करते हुए सरकार की उपलब्धियों और आगे के रोडमैप को रखा।
उत्तराखंड में धामी सरकार के तीन साल पूरे
उत्तराखंड में राज्य सरकार के रुप में धामी सरकार अपने तीन साल पूरे कर चुकी है, इसी उपलक्ष में आज शनिवार को मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी ने पत्रकारवार्ता करी जिसमें मुख्यमंत्री धामी ने तीन वर्षों को देवभूमि के लिए शानदार, ऐतिहासिक और इतिहास निर्माण करने वाला बताया। मुख्यमंत्री धामी ने कहा कि भाजपा ने प्रदेश की जनता से जो भी वादे किए, वे सभी पूरे हुए। हमारी प्राथमिकता राज्य की डेमोग्राफी एवं उसके देवभूमि स्वरूप को बरकरार रखने की है। उसी दिशा में उत्तराखंड की बागडोर संभाल रहे युवा राज्य के युवा सीएम ने समान नागरिक संहिता, धर्मांतरण कानून, दंगारोधी कानून और सख्त भू कानून जैसे ऐतिहासिक एवं साहसिक कदम उठाए। इसके साथ ही मुख्यमंत्री धामी ने कहा कि पीएम मोदी के मार्गदर्शन में युवा उत्तराखंड युवा मुख्यमंत्री की अच्छी सोच, मेहनत और दृढ़ शक्ति से तीव्रता से आगे बढ़ रहा है।मुख्यमंत्री धामी ने साझा किया रोड़मैप
उत्तराखंड में अपनी सरकार के तीन वर्ष पूरे होनें के उपलक्ष में मुख्यमंत्री धामी ने शनिवार को पत्रकारवार्ता में सरकार के तीन साल की उपलब्धियों को साझा किया। अपनी सरकार की उपलब्धियों को साझा करते हुए मुख्यमंत्री धामी ने कहा कि अतिक्रमण के खिलाफ हमारी सरकार का अभियान जारी रहेगा, इसके साथ ही चारधाम यात्रा से पहले चारधाम यात्रा परिषद भी गठित हो जाएगा। वहीं साथ ही मुख्यमंत्री धामी ने कहा कि लैंड, थूक, लव जिहाद के खिलाफ करवाई किसी वर्ग विशेष के खिलाफ नहीं है बल्कि अराजक तत्वों के खिलाफ है। इसके साथ ही मुख्यमंत्री धामी ने प्रदेश की जनता का आभार व्यक्त करते हुए कहा कि राज्य में विकट परिस्थिति के दौरान भी जनता ने अपना हाथ हम पर रखा, हमारी पार्टी पर भरोसा जताया, जिसके लिए मैं हद्य से देवतुल्य जनता का धन्यवाद देता हूं। मुख्यमंत्री धामी ने कहा कि हमारी प्राथमिकता राज्य की डेमोग्राफी एवं उसके देवभूमि स्वरूप को बरकरार रखने की है। समान नागरिक संहिता, धर्मांतरण कानून, दंगारोधी कानून और सख्त भू कानून जैसे ऐतिहासिक एवं साहसिक कदम उठाएलेखक- शुभम तिवारी (HNN24X7)