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कैलास मानसरोवर यात्रा होगी मंहगी, चीन ने बढ़ाए यात्रा शुल्क….तैयारियों को दिया जा रहा अंतिम रुप

कैलाश मानसरोवर यात्रा अब यात्रियों को मंहगी पड़ने वाली है, जी हां, चीन ने कैलाश मानसरोवर यात्रा का शुल्क बढ़ा दिया है। आपको बता दें कि वर्ष 2019 से बंद पड़ी कैलाश मानसरोवर यात्रा को अब खोल दिया गया है, इसी कड़ी में आगामी 30 जून से शुरू हो रही यात्रा का पहला दल टनकपुर-पिथौरागढ़-धारचूला के रास्ते 5 दलों में 250 शिवभक्तों का दस्ता 5 टनकपुर पहुंचेगा। कैलाश मानसरोवर यात्रा को लेकर कुमाऊं मंडल विकास निगम तैयारियों में जोरशोर से तैयारियों में जुटा है।

कैलास मानसरोवर यात्रा होगी मंहगी

  कैलाश मानसरोवर यात्रा विश्वप्रसिद्घ धार्मिक यात्रा है, इस यात्रा को लेकर न केवल भारतिय बल्कि विदेशी मुल्कों के नागरिकों के मन में भी उत्सुकता रहती है। कैलाश मानसरोवर की यात्रा भले ही आप अब तक कम शुल्क या कम समय मे कर चुके हों लेकिन अब सब कुछ बदलने वाला है। दरअसल, कैलाश मानसरोवर यात्रा अब यात्रियों को मंहगी पड़ने वाली है, जी हां, चीन ने कैलाश मानसरोवर यात्रा का शुल्क बढ़ा दिया है। आपको बता दें कि वर्ष 2019 से बंद पड़ी कैलाश मानसरोवर यात्रा को अब खोल दिया गया है, इसी कड़ी में आगामी 30 जून से शुरू हो रही यात्रा का पहला दल टनकपुर-पिथौरागढ़-धारचूला के रास्ते 5 दलों में 250 शिवभक्तों का दस्ता 5 टनकपुर पहुंचेगा। कैलाश मानसरोवर यात्रा को लेकर कुमाऊं मंडल विकास निगम तैयारियों में जोरशोर से तैयारियों में जुटा है। 30 जून से शुरू हो रही यात्रा का पहला दल दिल्ली में मेडिकल व अन्य औपचारिकता पूरी करने के बाद 5 जुलाई को टनकपुर पहुंचेगा। इस बार यात्रा 2019 के मुकाबले 17 से 20 हजार तक महंगी होगी। आपको बता दें कि पहले यात्रा हल्द्वानी काठगोदाम के रास्ते होती थी लेकिन, अब पिथौरागढ़ के लिपुलेख के रास्ते यात्रा खर्च प्रति व्यक्ति 1.84 लाख देय होंगे। इसमें से कुमाऊं मंडल विकास निगम के 51 हजार, दिल्ली में मेडिकल व ईको जांच व चीन का वीजा शुल्क सहित 10 हजार 400 तथा चीन में 1100 डॉलर या करीब 95 हजार रुपये चीन का शुल्क होगा। साल 2019 में चीन ने करीब 77 हजार रुपये या करीब 900 डॉलर लिए थे, लिहाजा डॉलर के रेट में अंतर की वजह से यह वृद्धि करने का तर्क दिया जा रहा है।    

तैयारियों को दिया जा रहा अंतिम रुप

    कुमाऊं मंडल विकास निगम के जीएम विजय नाथ शुक्ल ने बताया कि कि कैलास यात्रा के तय शेड्यूल के अनुसार तैयारियों को अंतिम रूप दिया जा रहा है। पहले कैलाश मानसरोवर यात्रा में 20-21 दिन लगते थे लेकिन, इस बार यात्रियों को 23 दिन लगेंगे। यात्रा के लिए टनकपुर के साथ ही धारचूला, गुंजी, नाभीढांग, तकलाकोट, दरचेन, डेरफुक, ज़ुनझुई पु, कुजु, चौकोड़ी, अल्मोड़ा मुख्य पड़ाव होंगे। इसी के साथ यात्रा का पांचवां दल 9 अगस्त को टनकपुर पहुंचेगा। दिल्ली के बाद गुंजी में यात्रियों की स्वास्थ्य जांच होगी, पहले धारचूला, पांगु व गुंजी में स्वास्थ्य जांच होती थी। आपको बताते चलें कि टनकपुर कैलास यात्रा का पारंपरिक मार्ग है जिसका जिक्र मानसखंड में आता है।              
लेखक- शुभम तिवारी (HNN24X7)

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