उत्तराखंड की राजधानी देहरादून में अवैध भूमि कब्जे के कई मामले तहसीलों में धूल फांक रहे हैं, सालों से फाइलो की रद्दी में बंद पड़े इन सभी मामलो पर से अब धूल हटने वाली है, दरअसल देहरादून के जिलाधिकारी सविन बंसल ने बीते बुधवार को कलेक्ट्रेट के ऋषिपर्णा सभागार में धारा 166 और 167 के मामलों की समीक्षा की, जहां उन्होंने साफ शब्दों में कहा कि यदि भूमि खरीद-फरोख्त में राज्य सरकार के निर्धारित नियमों का उल्लंघन होता है, तो संबंधित व्यक्तियों के खिलाफ कठोर कार्रवाई की जाएगी। इसके साथ ही जिलाधिकारी सविन बंसल ने तहसीलदारों और जिम्मेंदार अधिकारियों को कड़े रुख में निर्देशित किया है कि तहसीलों में जितने भी लंबित मामले भूमि कब्जे के हैं उन्हे शीघ्र और समयबद्ध निस्तारण से सुनिश्चित किया जाए और साथ ही उन्होंने भूमि धोखाधड़ी के प्रति जागरूकता फैलाने के लिए अभियान चलाने के भी आदेश दिए हैं। वहीं जिलाधिकारी सविन बंसल ने कहा कि धारा 166,167 अंतर्गत 750 बीघा भूमि पर कब्जा वापसी शुरू हो चुकी है, जिसके तहत अभी तक 300 बीघा भूमि ऑलरेडी मुक्त की जा चुकी है। प्रशासन का लक्ष्य है कि 28 फरवरी तक राजधानी की सभी कब्जे वाली भूमी पर प्रशासन का परचम स्थापित कर दिया जाएगा, क्योंकि अब 166,167 की संबंधित कार्रवाई सिर्फ नोटिशों पर नहीं बल्कि धरातल पर सख्त रुख के साथ क्रियान्वित भी होने वाली है।
राजधानी की 750 बीघा भूमि होगी कब्जा मुक्त
राजधानी देहरादून की 750 बीघा भूमि पर दावेदारों का कब्जा मुक्त कराने की प्रक्रिया शुरु हो चुकी है, इसी संदर्भ में देहरादून के जिलाधिकारी सविन बंसल नें अधिकारियों को निर्देशित किया है कि वे वादों पर गहनता से जांच करें और उनके निस्तारण के लिए भी गंभीरता से कार्य करें। जिलाधिकारी सविन बंसल ने कहा कि फरवरी महीने के अंत तक धारा 166, 167, 154, 157 के मामलों का समाधान करें। राजधानी में धारा 166 और 167 के तहत 750 बीघा भूमि पर कब्जा वापसी की प्रक्रिया प्रारंभ हो चुकी है, लिहाजा प्रशासन का इस बात पर पूरा जोर है कि 28 फरवरी तक 750 बीघा अधिकृत भूमि पर प्रशासन का स्वामित्व स्थापित किया जाए। लिहाजा कड़ी कार्रवाई के चलते 300 बीघा भूमि तो प्रशासन ने पहले ही मुक्त करवा ली है अब शेष भूमि पर कार्य करना बाकी है। जिलाधिकारी सविन बंसल ने बताया कि सभी उपजिलाधिकारी अपने-अपने तहसीलों में वादों के निस्तारण की प्रगति के संबंध में की गई कार्यवाही और निस्तारित मामलों की विस्तृत रिपोर्ट हर सप्ताह प्रस्तुत करें। लंबित मामलों के निपटारे में तेजी लाने के लिए राजस्व अदालतों को निर्देश दिए गए।