Big news: License of Ayurvedic pharmacy mandatory to sell Ayurvedic medicines in Uttarakhand
भारतीय चिकित्सा परिषद उत्तराखंड बोर्ड की बैठक संपन्न हुई। बैठक में आयुर्वेदिक से संबंधित कई अहम निर्णय लिए गए। अब उत्तराखंड में आयुर्वेदिक दवाओं को बेचने के लिए आयुर्वेदिक फार्मेसी का लाइसेंस अनिवार्य है। साथ ही प्रदेश में आयुर्वेदिक डायटिशियन का कोर्स भी शुरू किया जाएगा।
परिषद की बैठक में कई सदस्यों की नियुक्ति भी की गई, परिषद के अध्यक्ष डॉ जेएन नौटियाल ने जानकारी देते हुए कहा कि बैठक में डॉ वीरेंद्र चंद्र को चिकित्सा परिषद का उपाध्यक्ष, डॉ. विशाल वर्मा को संकाय उपाध्यक्ष, डॉ. दिनेश जोशी को संकाय सदस्य, डॉ. धीरज आर्य को सलाहकार समिति का संयोजक एवं डॉ. अजीत तिवारी, डॉ. पंकज कुमार, डॉ. मतिउल्ला सहित डॉ. सुनील कुमार रतूड़ी को सलाहकार समिति का सदस्य नियुक्त किया गया।
बैठक में कहीं और अहम निर्णय लेते हुए क्षार सूत्र सहायक, ओटी टेक्नीशियन, मर्म चिकित्सा सहायक, आयुर्वेदिक ब्यूटीकेयर, आयुर्वेदिक डायटिशियन आदि के कोर्स शुरू करने के लिए मंजूरी दी गई। साथ ही परिषद द्वारा आयुर्वेदिक अस्पतालों का पंजीकरण आयुर्वेद कार्यालय में कराए जाने का निर्णय लिया गया।
इसी दौरान एलोपैथिक और होम्योपैथिक के अनुसार आयुर्वेदिक तथा यूनानी फार्मिसिस्टो के लिए औषधि बिक्री हेतु लाइसेंस अनिवार्य करने का प्रस्ताव भी पारित हुआ। बता दे बैठक में कई अन्य मुद्दों पर भी चर्चा की गई।