लखनऊ के केजीएमयू में थोरेसिक और वस्कुलर सर्जरी का अलग विभाग खुल रहा है। मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ बृहस्पतिवार को इसका लोकार्पण करेंगे। जानकारी के अनुसार कॉर्डियक, थोरेसिक और वस्कुलर सर्जरी का अलग-अलग विभाग शुरू करने वाला यूपी पहला राज्य है।
एम्स, एसजीपीजीआई सहित देशभर के चिकित्सा संस्थानों में अभी तक कार्डियो, थोरेसिक एंड वस्कुलर विभाग हैं। यहां पूरा फोकस कार्डियक सर्जरी पर रहता है। फिर भी मरीजों की लंबी सूची होती है। इसी को देखते हुए केजीएमयू ने इन विभागों को अलग-अलग करने का फैसला लिया।
थोरेसिक सर्जरी के विभागाध्यक्ष प्रो. शैलेंद्र सिंह यादव ने बताया कि विभाग की ओपीडी व ऑपरेशन थियेटर अलग हैं। यहां फेफड़े के कैंसर व उससे जुड़ी विभिन्न तरह की सर्जरी, एसोफेगास सर्जरी, चेस्ट वाल्व सहित हृदय के आसपास के अन्य अंगों का समुचित इलाज हो सकेगा। बताया कि फेफड़े के कैंसर की पहचान अंतिम स्टेज में हो पाती है
वस्कुलर सर्जरी के विभागाध्यक्ष प्रो. अंबरीश कुमार ने बताया कि यदि छह घंटे के अंदर नस कटने का इलाज शुरू हो जाता है तो उससे जुड़े अंग को बचाया जा सकेगा। रक्त स्राव से मरीज की मौत की दर कम होगी। गैंग्रीन, स्ट्रोक और कैरोटिड धमनी स्टेनोसिस, डीप ब्रेन थ्रोमोसिस, डायलिसिस रोगियों का इलाज भी तत्काल हो सकेगा।