जोशीमठ में भू-धंसाव के बाद से न6.50 किमी हेलंग-मारवाड़ी बाईपास निर्माण पर रोक
जोशीमठ नगर की तलहटी में सेना की आवाजाही सुगम बनाने के लिए बनने वाले 6.50 किमी हेलंग-मारवाड़ी बाईपास निर्माण जबसे शुरू हुआ है तब-तब इस निर्माण पर संकट खड़ा हो गया।
जोशीमठ में भू-धंसाव के बाद से इसके निर्माण पर पांच जनवरी से रोक लगी हुई है। बाईपास का अब तक एक किमी हिल कटिंग का काम ही हो पाया है। वर्ष 1988-89 में यूपी सरकार ने सिंचाई विभाग को हेलंग-मारवाड़ी बाईपास निर्माण की स्वीकृति दी थी। तब सड़क कटिंग का काम सीमा सड़क संगठन ने शुरू किया था लेकिन स्थानीय लोगों ने बाईपास का विरोध शुरू कर दिया
तो वर्ष 1991 में रामकिशन सिंह रावत के नेतृत्व में स्थानीय लोग सड़क के विरोध में उच्च न्यायालय इलाहबाद गए और न्यायालय से इस पर रोक लग गई। तब बाईपास का निर्माण ठप पड़ गया था
2022 के जुलाई माह में सरकार ने बाईपास निर्माण के लिए 190 करोड़ रुपये की स्वीकृति दी जिसके बाद अगस्त माह से निर्माण कार्य शुरू हो गया। बाईपास निर्माण के लिए अभी तक एक किमी की ही कटिंग हुई है। बीआरओ ने बाईपास निर्माण पूरा करने के लिए तीन साल का लक्ष्य रखा है।
तो जोशीमठ के भू-धंसाव के लिए भी लोग बाईपास निर्माण को कारण मान रहे हैं जिसे देखते हुए जिला प्रशासन ने फिलहाल बाईपास निर्माण पर रोक लगाई है। सचिव आपदा प्रबंधन डा रंजीत सिन्हा ने आईआईटी रुड़की को जियो टेक्निकल सर्वे कर एक सप्ताह में रिपोर्ट देने के लिए कहा है। यदि रिपोर्ट में निर्माण कार्य को सही बताया गया तो बाईपास निर्माण कार्य फिर शुरू कर दिया जाएगा।