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हरीश रावत की सीट लालकुआं में भितरघात

प्रदेश की चर्चित सीट में शामिल लालकुआं विधानसभा में भीतरघात को लेकर कांग्रेस ने तीन पदाधिकारियों को संगठन से बाहर कर दिया। इन्हें छह साल के लिए निष्कासित किया गया है। ब्लाक अध्यक्ष की शिकायत और रिपोर्ट के आधार पर जिलाध्यक्ष ने कार्रवाई को संस्तुति दी। लालकुआं सीट पर इस बार पूर्व मुख्यमंत्री हरीश रावत चुनाव मैदान में उतरे थे। वह कांग्रेस चुनाव प्रचार अभियान समिति के अध्यक्ष भी हैं। लालकुआं सीट पर टिकट के दो मुख्य दावेदार रहे पूर्व कैबिनेट मंत्री हरीश चंद्र दुर्गापाल व वरिष्ठ कांग्रेसी नेता हरेंद्र सिंह बोरा चुनाव में हरदा के पक्ष में माहौल बनाने में जुटे थे। लेकिन टिकट कटने से नाराज पूर्व ब्लाक प्रमुख संध्या डालाकोटी निर्दलीय चुनाव लड़ी। वहीं, ब्लाक अध्यक्ष नीरज रैक्वाल ने बताया कि पार्टी के कुछ पदाधिकारी चुनाव में कांग्रेस उम्मीदवार हरीश रावत के लिए दुष्प्रचार करते नजर आए। इसमें जिला संगठन मंत्री मनोज पौडियाल, जिला उपाध्यक्ष भूपाल सिंह सम्मल और न्याय पंचायत अध्यक्ष भगवान सिंह सम्मल शामिल थे। वहीं, जिलाध्यक्ष सतीश नैनवाल ने बताया कि तीनों को निष्कासित कर दिया गया है। यह भी पढे़ं-चंदौली में भाजपा के स्टार प्रचारक प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी ने किया जनसभा एमबीपीजी कालेज में जिले की सभी विधानसभाओं का स्ट्रांग रूम बनाया गया है। मतदान के बाद ही कांगेस प्रदेश अध्यक्ष गणेश गोदियाल ने कांग्रेसियों से कहा था कि दस मार्च तक मतगणना स्थल के बाहर निगरानी सुनिश्चित करें। अनुमति मिलने के बाद लालकुआं विधानसभा से कांग्रेस कार्यकर्ता प्रकाश बेलवाल यहां डटे हुए हैं। प्रकाश 16 फरवरी से यहां टेंट लगाकर रह रहा है। दोपहर में कुछ देर सोने के बाद वह पूरी रात जागता है। हालांकि, यहां भारी मात्रा में अद्र्धसैनिक बल और पुलिस फोर्स भी सुरक्षा में जुटा हुआ है। वहीं, पोस्टल बैलेट मामले को लेकर शुक्रवार को प्रकाश ने उप जिला निर्वाचन अधिकारी अशोक जोशी को ज्ञापन भी सौंपा। कहा कि मतदान के 18 दिन बाद भी लालकुआं के 63 प्रतिशत मतपत्र प्राप्त नहीं हुए।

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