रोडवेज बसों के अधिकारी पहले से ही करोड़ो के घाटे व आर्थिक तंगी में थे, कि मंगलवार को अधिकारियों की लापरवाही की वजह से प्रबंधन को लाखों रु. का घाटा हो गया। बसों पर टोल के लिए फॉस्टैग लगाये गये है, लेकिन फॉस्टेग का मंगलवार को खाली खाता होने से सारें टोल प्लाजा पर रोडवेज बसों को दुगुना टोल देना पड़ गया।
करीबन सुबह 10 बजे से यह सिलसिला चलता रहा और चालक समस्याओं का सामना करते रहे। रोडवेज के महाप्रबंधक दीपक जैन ने इसे तकनीकी समस्या बताते हुए कहा कि फॉस्टैग खाते से जो राशि कंपनी को दी जा रही थी, वह रिवर्ट हो रही है। कंपनी के सर्वर में तकनीकी गड़बड़ी हुई जिस कारण बसों को दुगुना टोल देना पड़ा, कीमत वापसी को लेकर रोडवेज प्रबंधन द्वारा पेटीएम कंपनी को पत्र भेज दिया गया है। टोल प्लाजा पर फॉस्टैग लगने से रोडवेज मुख्यालय ने सभी बसों पर टैग लगा दिए थे।
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पीटीएम के माध्यम से फॉस्टेग का खाता अलग खोला गया, जिस पर सिर्फ एक अधिकारी ही बैठकर इसकी देखभाल कर सकता है। उस अधिकारी की जिम्मेदारी होती है कि वह खाता कभी भी खाली न हो, अगर खाता खाली हुआ तो बसों को दुगुना टोल देना पड़ता है। फॉस्टैग का यह खाता मंगलवार की सुबह को खाली हो गया, जिसके कारणवश बसों को दुगुना टोल देना पड़ गया। रोडवेज प्रबंधन द्वारा इसे तकनीकी परेशानी बताकर अपना पल्लू झाड़ दिया गया।
सिमरन बिंजोला