हल्द्वानी के शहीद चंद्रशेखर का पार्थिव शरीर 38 साल बाद आज अपने घर पहुंचेगा। भारत और पाकिस्तान के बीच सियाचिन को लेकर 1984 में आपरेशन मेघदूत में हुई झड़प के दौरान 19 कुमाऊं रेजीमेंट के कुछ जवान बर्फीली तूफ़ान की चपेट में आ गए थे। उस तूफ़ान में 19 जवान शहीद हुए थे, जिसमें से 14 के शव बरामद हो गए थे, लेकिन पांच शव नहीं मिले थे। इन पाँच शहीदों में 19 कुमाऊं रेजीमेंट के चंद्रशेखर हर्बोला भी थे। 38 साल बाद सियाचिन में चंद्रशेखर का पार्थिव शरीर मिला है। आज 38 साल बाद जब देश आजादी का अमृत महोत्सव मना रहा है। तो शहीद चंद्रशेखर का पार्थिव शरीर उनके घर हल्द्वानी पहुंचेगा। शहीद चंद्रशेखर का अंतिम संस्कार सैनिक सम्मान के साथ हल्द्वानी में किया जाएगा।