Parliament Winter Session

Parliament Winter Session के पहले दिन की चर्चा: मुख्य मुद्दे और बयान

Parliament Winter Session: 2025 का संसद शीतकालीन सत्र आज यानि 1 दिसंबर को शुरू हुआ, जो 19 दिसंबर तक चलेगा। सत्र के पहले ही दिन हंगामा हो गया। कार्य विपक्ष ने विशेष गहन संशोधन (SIR) और राष्ट्रीय सुरक्षा जैसे मुद्दों पर चर्चा की मांग की, जबकि सरकार ने विधायी कार्यों पर जोर दिया।

नीचे मुख्य मुद्दों और प्रमुख व्यक्तियों के बयानों का विवरण दिया गया है।

मुख्य मुद्दे जिन पर चर्चा/विरोध

मुद्दा विवरण संबंधित सदन
विशेष गहन संशोधन (SIR) मतदाता सूची का 12 राज्यों और केंद्र शासित प्रदेशों में मतदाता नाम हटाने, ‘वोट चोरी’, BLO (बूथ लेवल ऑफिसर) की मौतों और EC पर दबाव के आरोप। विपक्ष ने इसे संविधान पर हमला बताया। लोकसभा और राज्यसभा (विपक्ष ने स्थगन प्रस्ताव मांगा)
राष्ट्रीय सुरक्षा और दिल्ली रेड फोर्ट धमाका 10 नवंबर को हुए धमाके (15 मौतें) पर चर्चा की मांग; आंतरिक सुरक्षा और विदेश नीति (चीन सीमा, भारत-पाक मुद्दे) शामिल। लोकसभा
प्रदूषण (AQI) और पर्यावरण दिल्ली और अन्य शहरों में बिगड़ते वायु गुणवत्ता पर बहस; किसानों की वित्तीय सुरक्षा और आपदा प्रतिक्रिया भी। राज्यसभा (विपक्ष की मांग)
वंदे मातरमपर बहस राष्ट्रीय गीत के 150वें वर्षगांठ पर पूर्ण पाठ और स्वतंत्रता संग्राम की भूमिका पर चर्चा; सरकार का प्रस्ताव, लेकिन विपक्ष ने अस्वीकार किया। लोकसभा
विधायी कार्य (बिल) मणिपुर जीएसटी (दूसरा संशोधन) बिल पारित; परमाणु ऊर्जा बिल, उच्च शिक्षा आयोग बिल, जीएसटी सुधार बिल आदि पेश। लोकसभा

हंगामा का परिणाम: लोकसभा में ‘वोट चोर’ नारे लगे, फाइनेंस मिनिस्टर के भाषण के दौरान हंगामा; सदन को दोपहर 12 बजे तक स्थगित। राज्यसभा में नए चेयरमैन सी.पी. राधाकृष्णन के पहले दिन विपक्ष ने निष्पक्षता की मांग की।

अन्य: पूरक अनुदान मांगें (2025-26) पेश; 13-14 बिलों का एजेंडा, जिसमें परमाणु ऊर्जा में निजी क्षेत्र की भागीदारी, बीमा में 100% FDI आदि शामिल।

प्रमुख व्यक्तियों के बयान: पहले दिन के प्रमुख बयान मुख्य रूप से सत्र शुरू होने से पहले मीडिया संबोधन और सदन में दिए गए। विपक्ष और सरकार के बीच तीखी बयानबाजी हुई।

नरेंद्र मोदी (प्रधानमंत्री): सत्र शुरू होने से पहले मीडिया को संबोधित करते हुए कहा, ‘भारत ने दिखाया है कि लोकतंत्र डिलीवर कर सकता है।‘ उन्होंने नए सांसदों (विशेषकर पहली बार चुने गए) को अधिक बोलने का मौका देने की अपील की और विपक्ष से रचनात्मक बहस की मांग की। ‘संसद नीति और डिलीवरी के लिए है, न कि ड्रामा या नारेबाजी के लिए।‘ चुनावी हार के कारण हताशा से सदन बाधित न करने की चेतावनी दी।

Parliament Winter Session

निरमला सीतारामन (वित्त मंत्री): लोकसभा में जीएसटी सुधार बिल पेश करते हुए हंगामे के बीच बोलीं। उन्होंने राष्ट्रीय सुरक्षा और सार्वजनिक स्वास्थ्य के लिए ‘हेल्थ सिक्योरिटी से नेशनल सिक्योरिटी सेस बिल, 2025’ का जिक्र किया, जिसमें तंबाकू और पान मसाला पर सेस लगाने का प्रस्ताव है। विपक्ष के विरोध पर सदन स्थगित होने के बाद कोई प्रत्यक्ष टिप्पणी नहीं।

Parliament Winter Session

जयराम रमेश (कांग्रेस महासचिव): ऑल-पार्टी मीटिंग के बाद कहा, ‘सरकार संसदीय परंपराओं को दफना रही है। 15 दिनों का सत्र इतिहास का सबसे छोटा है। SIR और दिल्ली धमाके पर चर्चा अनिवार्य।‘

गौरव गोगोई (कांग्रेस सांसद): ‘सरकार संसदीय प्रक्रिया को पटरी से उतार रही है। SIR लोकतंत्र पर हमला है।‘

जॉन ब्रिट्टास (सीपीआई(एम) सांसद): राज्यसभा में बोले, ‘2019-2024 में 34% बिल 1 घंटे से कम चर्चा के बाद पारित। यह जल्दबाजी विधायी प्रक्रिया को कमजोर करता है। राज्यसभा को 4D (डायलॉग, डिबेट, डेलिबरेशन, डिस्कशन) पर जोर देना चाहिए।‘

ओम बिरला (लोकसभा स्पीकर): हंगामे पर कहा, ‘सदन नारेबाजी के लिए नहीं है।‘ स्थगन नोटिस अस्वीकार करते हुए एजेंडा पर जोर दिया।

किरेन रिजिजू (संसदीय कार्य मंत्री): ‘सरकार सभी मुद्दों पर नियमों के अनुसार चर्चा को तैयार है। सुचारू कार्यवाही के लिए विपक्ष से सहयोग की अपील।‘

पी संदोश कुमार (सीपीआई राज्यसभा नेता): ऑल-पार्टी मीटिंग में SIR, दिल्ली धमाका, प्रदूषण, संघीय मुद्दे और श्रम अदालतों पर चिंता जताई।

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