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 कार्तिक पूर्णिमा  पर स्नान के लिए  काशी में उमड़ा जनसैलाब।

काशी में कार्तिक पूर्णिमा स्नान के लिए मंगलवार को गंगा तटों पर आस्था का जनसैलाब उमड़ पड़ा है। तो कहीं समूहबद्ध महिलाओं के गंगा गीत गूंज रहे थे तो कहीं दीपदान और पूजा, अर्घ्यदान कर रहे है। आज साल का अंतिम चंद्रग्रहण है।

बता दें कि तीर्थनगरी में कार्तिक पूर्णिमा पर दो लाख से अधिक लोगों के डुबकी लगाने का अनुमान है। आधी रात के बाद से ही दशाश्वमेध जाने वाली सड़कों पर स्नानार्थियों का रेला उमड़ने लगा। तो गंगा स्नान को लेकर पुलिस-प्रशासन की ओर से सुरक्षा के पुख्ता बंदोबस्त हैं।

गंगा स्नान के लिए घाटों पर पहुंच रही श्रद्धालुओं की भीड़ को नियंत्रित करने के लिए यातायात विभाग की ओर से एहतियातन कदम उठाए गए हैं। घाट की ओर जाने वाले मार्गो पर बड़े वाहनों पर प्रतिबंध है।

सामने घाट से अस्सी, भदैनी, दशाश्वमेध घाट, शीतला घाट, अहिल्याबाई घाट, पंचगंगा घाट, केदार घाट, खिड़किया घाट, भैंसासुर घाट पर श्रद्धालुओं की भारी भीड़ जुटी। श्रद्धालुओं के चलते गंगा घाटों पर मेले जैसा दृश्य नजर आया।

तो वही सनातन संस्कृति में स्नान पर्वों में कार्तिक पूर्णिमा के स्नान का विशेष महत्व है। इस दिन गंगा, यमुना, गोदावरी आदि पवित्र नदियों में स्नान की महत्ता पुराणों में वर्णित है। कार्तिक पूर्णिमा को त्रिपुरारी पूर्णिमा के नाम से भी जाना जाता है। कार्तिक पूर्णिमा पर गंगा में या तुलसी के समीप दीप जलाने से महालक्ष्मी प्रसन्न होती हैं।

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