ऋषिकेश नामांकन के आखिरी दिन ऋषिकेश कांग्रेस को धर्मसंकट के मुहाने पर खड़ा कर दिया है। टिकट से वंचित रहे बुजुर्ग नेता शूरवीर सजवाण ने शुक्रवार को निर्दल नामांकन कर बगावत पर आखिरी कील ठोक दी। दिलचस्प नजारा तब देखने को मिला जब कांग्रेस प्रत्याशी जयेंद्र चंद रमोला और निर्दल शूरवीर सजवाण तहसील परिसर में आमने सामने पड़ गए।
इस अजीबोगरीब स्थिति में समर्थक भी विचलित हुए बिना नहीं रह पाए। काफी लोग जो दिल कठोर कर पार्टी लाइन से बांधकर कांग्रेस प्रत्याशी के साथ थे वे भी बुजुर्ग और अनुभवी नेता को देख विचलित हुए और आधे रास्ते से लौट शूरवीर के कारवां से जुड़ लिए।
करीब महीने भर पहले जो कांग्रेस ऋषिकेश का भगवा किला भेदने का मंसूबा थामे उत्साहित थी, वो दो फाड़ होने के बाद वेदना से थकी दिखने लगी है। युवा और बुजुर्ग कार्यकर्ता शीर्ष नेतृत्व से मानो अब भी चमत्कारिक निर्णय की आस लगाए बैठे हैं।
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लोग मानो दुआ मांग रहे हैं कि काश ये रार समय रहते किसी मोड़ पर आकर खत्म हो। फिलहाल मतभेद से पारी मनभेद की खाई में तब्दील होती दिख रही है। कार्यकर्ता और समर्थकों की खेमेबंदी सतह पर आ चुकी है। रणनीतियां नए सिरे से परवान चढ़ाने की कोशिशें तेज़ हो चुकी हैं। देखना होगा कि चुनावी ऊंट किस करवट बैठता है।